मंडरिया में अजमते वालिदैन कॉन्फ्रेंस का आयोजन
मंडरिया गांव में अजमते वालिदैन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जलसे की सदारत अल्लामा मौलाना मुमताज आलम कादरी ने की.
जयनगर. मंडरिया गांव में अजमते वालिदैन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जलसे की सदारत अल्लामा मौलाना मुमताज आलम कादरी ने की. संचालन फिरोज रहबर ने किया. मुख्य रूप से मौलाना सिद्दीक हसन झारखंडी और मौलाना शहादत हुसैन बरकाती शामिल हुये. मौलाना सिद्दीक हसन झारखंडी ने कहा कि इस्लाम का असल पैगाम अमन, मोहब्बत और भाईचारगी है. आज दुनिया में नफरत बढ़ानेवाली ताकतों से बचने के लिए हमें अपने दीन की बुनियादी बातों को अपनाना होगा. मां-बाप की खिदमत और उनकी दुआ दुनिया और आखिरत की सबसे बड़ी दौलत है. मौलाना ने बेटियों की इज्जत और उनके पर्दे पर भी जोर देते हुए कहा कि बेटियां रहमत हैं. उनके हक की अदायगी हर मुसलमान का फर्ज है. मौलाना शहादत हुसैन बरकाती ने कहा की इल्म सिर्फ दुनियावी तरक्की के लिए नहीं, बल्कि दीन की सही समझ और अपने किरदार को निखारने के लिए भी जरूरी है. उन्होंने पति-पत्नी के रिश्ते में आपसी इज्जत और भरोसे की अहमियत बताते हुए कहा कि मियां-बीवी का ताल्लुक मोहब्बत, सब्र और एहतिराम पर काम हो, तभी घर में बरकत पैदा होती है. एक अच्छे समाज की बुनियाद तभी रखी जा सकती है, जब हम अपनी फैमिली वैल्यूज को संभालें. समाज में अमन और तरक्की के लिए हमें नफरत को छोड़ एक-दूसरे के साथ भाईचारे का रिश्ता कायम करना होगा. जलसे में मुफ्ती आशिकुरहमान, मुशर्रफ हुसैन, फिरोज रहबर, रफीक अंजुम, शाहबाज रजा सिद्दीकी, अनवर रजा हबीबी आदि मौजूद थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में अब्दुल कयूम खान, शमीम खान, नसीम खान, नईम खान, सलीम खान सहित मंडरिया गांव के सभी लोग शामिल थे.
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