अक्षय नवमी पर आंवला वृक्ष की हुई पूजा

कोडरमा बाजार : कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी के मौके पर आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना की गयी. इसको लेकर दिनभर श्रद्धालुओं का आवागमन ध्वजाधारी धाम में लगा रहा. श्रद्धालु महिला, पुरुष ने ध्वजाधारी धाम में आंवला वृक्ष की पूजा करने के बाद रक्षा सूत्र से वृक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2016 8:42 AM
कोडरमा बाजार : कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी या अक्षय नवमी के मौके पर आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना की गयी. इसको लेकर दिनभर श्रद्धालुओं का आवागमन ध्वजाधारी धाम में लगा रहा. श्रद्धालु महिला, पुरुष ने ध्वजाधारी धाम में आंवला वृक्ष की पूजा करने के बाद रक्षा सूत्र से वृक्ष का बंधन कर और कुष्मांड (भुआ) दान कर अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. सहदेव पांडेय ने बताया कि इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है, जिससे अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान व सुख की प्राप्ति होती है.
अक्षय नवमी को शास्त्रों में वहीं महत्व बताया गया है, जो वैशाख मास की तृतीया यानी अक्षय तृतीया का है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया पुण्य कभी समाप्त नहीं होता. इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा, भक्ति, सेवा की जाती है, उसका पुण्य कई- कई जन्म तक प्राप्त होता है. कहा जाता है कि आज ही विष्णु भगवान ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था और उसके रोम से कुष्माण्ड की बेल हुई. इस कारण कुष्माण्ड का दान करने से उत्तम फल मिलता है. इसमें गंध, पुष्प और अक्षत से कुष्माण्ड का पूजा करना चाहिए.