शहीदी पर्व पर शबद-कीर्तन हुआ, संगत हुई निहाल
झुमरीतिलैया : शहर के डॉक्टर गली स्थित कलगीधर गुरुद्वारा में सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज का शहीदी पर्व शुक्रवार को मनाया गया. बुधवार से चल रहे चौथे अखंड पाठ की समाप्ति के बाद हरमिंदर साहब पटना से आये रागी जत्था भाई जगत सिंह व अन्य द्वारा शबद कीर्तन कर संगत […]
झुमरीतिलैया : शहर के डॉक्टर गली स्थित कलगीधर गुरुद्वारा में सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज का शहीदी पर्व शुक्रवार को मनाया गया. बुधवार से चल रहे चौथे अखंड पाठ की समाप्ति के बाद हरमिंदर साहब पटना से आये रागी जत्था भाई जगत सिंह व अन्य द्वारा शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया गया.
इस दौरान पूरा गुरुद्वारा परिसर जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल से गूंजता रहा. कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित नगर पर्षद अध्यक्ष प्रकाश राम व पार्षद विशाल सिंह सहित कई समाजसेवियों ने दरबार मे मत्था टेक कर जीवन में खुशहाली का आशीर्वाद लिया. मौके पर कलगीधर गुरुद्वारा के पदाधिकारियों ने शॉल और शिरोपा भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया. अपने संबोधन में अतिथियों ने कहा कि सिख समाज का इतिहास शहादत से भरा है. सिख धर्म के गुरु श्री अर्जन देव जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे अपने शरीर पर कष्ट सहें, उस समय की सरकार ने उनपर कई प्रकार के अत्याचार किये.
इसके बावजूद सबकुछ सहते हुए वे अपने धर्म पर अडिग रहे. गुरु श्री अर्जन देव जी ने अपनी शहादत देकर धर्म व देश की रक्षा की थी. अतिथियों ने कहा कि गुरु अर्जन देव जी के आदर्शों को आत्मसात कर उनके द्वारा बताये रास्ते पर चल कर ही हम अपने जीवन में सफल बन सकते हैं. इधर, शबद कीर्तन के बाद अटूट लंगर का आयोजन हुआ. इसमें विभिन्न समुदाय के लोग शामिल हुए.
इसके पूर्व आयोजित अखंड पाठ में ग्रंथी निरंजन सिंह, राजा सिंह, सुरजीत सिंह, मनजीत सिंह शामिल हुए. पर्व को लेकर डॉक्टर गली गुरुद्वारा परिसर के बाहर राहगीरों के लिए मीठे जल का वितरण किया गया. आयोजन को सफल बनाने में कलगीधर गुरुद्वारा के प्रधान बलवंत सिंह लांबा, अशोक मुटनेजा, दर्शन सिंह भाटिया, हरभजन सिंह बग्गा, गोल्डी भाटिया, हरभजन सिंह सोनी, अवतार सिंह, किशोर भाटिया, संजू लांबा, बबलू बग्गा, हर्रंजदर सिंह भल्ला, कुलवीर कालरा, पुसविंदर सिंह, दलजीत सिंह, हरजीत सिंह सलूजा, अमरजीत सिंह छाबडा, अशोक छाबडा, परमजीत भाटिया, राजू भाटिया समेत समाज के अन्य लोग सक्रिय रूप से लगे रहे.
