एक कुआं, 500 की आबादी, कैसे पिये पानी, ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी

अक्सर गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या आती है, लेकिन तिलमा पंचायत के डांगियादाग गांव में बारिश के कारण समस्या और बढ़ गयी है. 500 की आबादी और 35 परिवार वाले इस गांव में पीने के पानी के लिए एकमात्र सहारा कुआं ही है, जो गर्मी में सूख गया था और अब वर्षा हुई तो बारिश का गंदा पानी भर गया. मजबूरी में ग्रामीण उसी कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 18, 2020 6:08 PM

खूंटी : अक्सर गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या आती है, लेकिन तिलमा पंचायत के डांगियादाग गांव में बारिश के कारण समस्या और बढ़ गयी है. 500 की आबादी और 35 परिवार वाले इस गांव में पीने के पानी के लिए एकमात्र सहारा कुआं ही है, जो गर्मी में सूख गया था और अब वर्षा हुई तो बारिश का गंदा पानी भर गया. मजबूरी में ग्रामीण उसी कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं.

खूंटी जिला अंतर्गत तिलमा पंचायत के डांगियादाग गांव में कई चापाकल लगाये गये हैं, लेकिन खराब होने के कारण इन चापाकलों का उपयोग होता ही नहीं है. 3 साल पहले एक सोलर आधारित टंकी भी लगाया गया था, लेकिन उसमें भी जरूरत भर पानी नहीं मिलता है.

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ग्रामीणों के अनुसार, सोलर आधारित टंकी एक चापाकल में लगाया गया है, जिसमें बहुत कम पाइप डाली गयी है. गांव में एक डीप बोरिंग भी किया गया, लेकिन सिर्फ बोरिंग कर छोड़ दिया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने गांव की पानी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री जनसंवाद और जिला प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अबतक कोई समाधान नहीं किया गया है. जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर जंगलों में बसे इस गांव के ग्रामीण मदद की आस लगाये आज भी बैठे हैं. यह स्थिति हर साल होती है.

एक कुआं, 500 की आबादी, कैसे पिये पानी, ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी 2

पानी के लिए ग्रामीणों को एकमात्र कुएं पर ही निर्भर रहना पड़ता है. ग्रामीण प्रमिला कुमारी कहती हैं कि गांव में एक ही कुंआ है, जिससे हम पानी पीते हैं. अब उसमें भी मिट्टी वाला पानी भर गया है. चापाकल से पानी निकलता ही नहीं है. जाॅनी कुमारी कहती हैं कि दूसरा कुआं गांव से दूर है, जहां से पानी लाने में एक घंटे से भी अधिक समय लगता है. गांव ऊंचाई पर बसा है. इस कारण उन स्थानों से पानी लाना मुश्किल है.

ग्रामीण यमुना देवी कहती हैं कि गांव में जल्द से जल्द एक डीप बोरिंग किया जाना चाहिए या जो पहले से डीप बोरिंग है, वहां टंकी लगाया जाना चाहिए. कई चापाकल है, लेकिन खराब है. वहीं, अनुज मुंडा कहते हैं कि गांव में एक ही कुआं है. गर्मी में भी बहुत कम पानी रहता है. मजबूरी में लोगों को काफी दूर से पानी लाना पड़ता था. अब इस कुआं में भी गंदा पानी आ गया है. सभी ग्रामीण परेशान हैं.

Posted By : Samir ranjan.

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