कोरोना इफेक्ट : लॉकडाउन में ठप रहीं व्यापारिक गतिविधियां

कोरोना संकट के कारण चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) की पहली तिमाही में राज्य का राजस्व कम रहा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2020 9:35 AM

कोरोना संकट के कारण चालू वित्तीय वर्ष (2020-21) की पहली तिमाही में राज्य का राजस्व कम रहा. अप्रैल से जून के बीच सभी स्रोतों से सरकार को कुल 9556.55 करोड़ रुपये ही मिले हैं. सरकार की यह आमदनी वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 11.55 फीसदी रही. इसी अवधि में पिछले वित्तीय वर्ष(2019-20) के दौरान सरकार को अपने वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 15.03फीसदी राजस्व मिला था.

पिछले वर्ष के मुकाबले आय में गिरावट की मुख्य वजह कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन में व्यापारिक गतिविधियों का ठप रहना बताया जा रहा है. सरकार को जीएसटी के रूप में सिर्फ 632.97 करोड़ रुपये मिले, जो वार्षिक लक्ष्य का 6.70 प्रतिशत था. गत वित्तीय वर्ष में लक्ष्य का 18.66 प्रतिशत राजस्व मिला था.

स्टांप और निबंधन में भी चालू वित्तीय वर्ष के दौरान लक्ष्य का 0.71 प्रतिशत मिला, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान इस मद में लक्ष्य के मुकाबले 8.86 प्रतिशत राजस्व मिला था. इसी तरह डीजल-पेट्रोल मद में लक्ष्य के मुकाबले 6.01 प्रतिशत राजस्व मिला, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इस दौरान 20.28 प्रतिशत राजस्व मिला था.

जीएसटी के रूप में सिर्फ 632.97 करोड़ रुपये मिले

केंद्रीय कर व अनुदान से राहत राज्य सरकार को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में 4440.88 करोड़ रुपये और केंद्रीय सहायता अनुदान मद में 3155.96 करोड़ रुपये मिले, जिससे सरकार को थोड़ी राहत मिली. पहली तिमाही में सरकार को मिले कुल राजस्व का एक बड़ा हिस्सा (4647.37 करोड़ रुपये) वेतन भत्ता व पेंशन मद में खर्च हुआ.

विकास योजनाओं के मद में पहले लिये गये कर्ज के सूद के रूप में सरकार ने पहली तिमाही के दौरान 855.04 करोड़ रुपये चुकाये. कल्याणकारी योजनाओं पर सब्सिडी के रूप में 172.86 करोड़ रुपये खर्च किये.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version