डीलर पर कार्रवाई की मांग, ग्रामीण पहुंचे प्रखंड कार्यालय
आरोप है कि डीलर द्वारा चार महीने से उनका फिंगरप्रिंट तो लिया जा रहा है, लेकिन अब तक चावल का वितरण नहीं किया गया.
कुंडहित. सिमलकोंदा गांव के ग्रामीणों को पिछले चार महीनों से राशन नहीं मिलने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने प्रखंड कार्यालय पहुंचकर स्वयं सहायता समूह बनियाडंगाल के राशन डीलर के खिलाफ बीडीओ को लिखित शिकायत सौंपी. ग्रामीण सैयलन घोड़ई, संतोष घोष, आलोक घोष, राम कोड़ा, बुलबुल घोष, बापी घोड़ई, भोलेनाथ घोड़ई, राजेंद्र घोष, गौर घोड़ई, उज्ज्वल घोड़ई, पंचानन घोष, दिनेश बाद्यकर, अंबाती घोड़ई, बबीता बाद्यकर, माधुरी बाद्यकर, भूमि बाद्यकर, पंचू घोष, अन्ना घोड़ई, बनलता घोड़ई, बेबी बाद्यकर, मौमिता बाद्यकर, गंगाधर घोड़ई, दिनेश बाद्यकर और सपन बाद्यकर आदि ने बताया कि डीलर द्वारा चार महीने से उनका फिंगरप्रिंट तो लिया जा रहा है, लेकिन अब तक चावल का वितरण नहीं किया गया. ग्रामीणों ने कहा कि हमलोग गरीब परिवार हैं और चावल नहीं मिलने से उन्हें भूखमरी की स्थिति झेलनी पड़ रही है. कई घरों में खाने तक के लाले पड़ गए हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब वे डीलर के पास राशन लेने जाते हैं तो डीलर उन्हें अपमानित कर वापस लौटा देता है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उन्हें राशन नहीं मिला तो वे प्रखंड कार्यालय के समीप धरना देने को मजबूर होंगे. बताया कि इस मामले में पहले भी उपायुक्त को आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है. इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी कयूम अंसारी ने बताया कि प्रखंड खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के माध्यम से मामले की जांच करायी जाएगी. यदि जांच में यह सत्य पाया गया कि ग्रामीणों को चार महीने से राशन नहीं मिला है, तो स्वयं सहायता समूह बनियाडंगाल के डीलर के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
