राधा किशोरी से श्रीकृष्ण लीलाओं का प्रसंग सुन भाव-विह्वल हुए श्रोता
राधा किशोरी से श्रीकृष्ण लीलाओं का प्रसंग सुन भाव-विह्वल हुए श्रोता
प्रतिनिधि, नाला: प्रखंड क्षेत्र के बेगेजुड़ी डंगालपाड़ा स्थित अद्वैत आश्रम में चल रही सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन धाम की कथावाचिका राधा किशोरी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन लीला का मधुर वर्णन किया. उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने मात्र छह दिन की अवस्था में गृह लीलाएं आरंभ कीं. नन्दबाबा ने उनके जन्मोत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया, ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दी गई और जातिकर्म संस्कार करवाया गया. कथावाचिका ने पूतना वध का वर्णन करते हुए कहा कि कंस ने श्रीकृष्ण को मारने के लिए मायावी राक्षसी पूतना को भेजा. उसने सुंदर स्त्री का रूप धारण कर शिशु श्रीकृष्ण को दूध पिलाने का प्रयास किया, लेकिन श्रीकृष्ण ने उसकी कुटिलता को समझ लिया और उसके प्राण लेकर उसका उद्धार कर दिया. उसकी मृत्यु से समस्त गोकुल आश्चर्यचकित हो गया. इसके बाद शकटासुर वध, माखन चोरी, ऊखल बंधन और यमलार्जुन उद्धार जैसी दिव्य बाल लीलाओं का भी विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया. श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि गूढ़ आध्यात्मिक संदेश से युक्त है. गोवर्धन लीला का उल्लेख करते हुए कथावाचिका ने बताया कि इंद्रदेव के क्रोध से आई भारी वर्षा से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा अंगुली से गोवर्धन पर्वत उठाया और सभी को सुरक्षित रखा. इस दिव्य लीला से श्रोता भक्त भावविभोर हो उठे. कथा के साथ सुंदर भजनों की प्रस्तुति भी दी गई, जिससे वातावरण भक्तिरस से भर उठा. श्रोता घंटों तक कथा स्थल पर झूमते रहे और भक्ति में लीन हो गए.कथावाचिका ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से पापों का नाश होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है. इस कथा आयोजन से पूरे क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है..
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