समान वेतन व सुविधाओं की मांग पर अड़े आजीविका मिशन के कर्मचारी

राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद उन्हें अब तक बुनियादी सुविधाएं और समान वेतन नहीं मिल रहा है.

By BINAY KUMAR | November 22, 2025 11:15 PM

जामताड़ा. झारखंड राज्य आजीविका कर्मचारी संघ के बैनर तले आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने शनिवार को दूसरे दिन लगातार समाहरणालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया. संघ के जिलाध्यक्ष गणेश महतो ने राज्य सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद उन्हें अब तक बुनियादी सुविधाएं और समान वेतन नहीं मिल रहा है. बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय मिशन प्रबंधन इकाई के तहत आजीविका मिशन से जुड़े कर्मचारियों को कई प्रकार की सुविधाएं एवं समान कार्य के बदले समान वेतन देने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने इन निर्देशों को अब तक लागू नहीं किया है. कर्मी उत्तम कुमार ने कहा कि वे लोग वर्षों से झारखंड राज्य आजीविका मिशन के तहत कार्यरत हैं, लेकिन राज्य में केंद्र की ओर से अनिवार्य की गयी सुविधाओं का पालन नहीं हो रहा है. उनके अनुसार, वेतन वृद्धि न होने तथा किसी भी प्रकार की अतिरिक्त सुविधा न मिलने से कर्मचारियों में भारी निराशा है. वहीं इकबाल अहमद ने बताया कि अन्य राज्यों में आजीविका मिशन के कर्मियों को न ही महंगाई भत्ता और न ही आंतरिक पदोन्नति सहित राज्यकर्मी का दर्ज़ा दिया जा रहा है, जबकि पड़ोसी राज्य बिहार में हर साल स्वत इंक्रीमेंट लग जाता है. जबकि झारखंड में इसकी व्यवस्था रहने के बावजूद इसको लेने के लिए धरना पर बैठना पड़ता है. प्रदर्शन करना पड़ता है, उसके बाद भी दो वर्षों से लंबित है. इसके अलावा कर्मचारियों को गृह जिले में सेवा देने का निर्देश तो दिया गया था, लेकिन उसका पालन भी नहीं हो रहा है. हमारी मांगें पूरी होतीं तो हमें जाड़ा-गरमी में सड़कों पर बैठना नहीं पड़ता. मौके पर हीरक दास, कृष्ण कुमार, वीरेंद्र, अमित, दीपक वर्मा, सोना लाल सोरेन, अमरेंद्र सोरेन, जिन कुमार महतो, रवींद्र नाथ यादव, शिशिर कुमार माझी, सुभाष रविदास, मुकेश महतो, शेखर प्रसाद, परवेज़ अंसारी, संजय चक्रवर्ती, दिवाकर मुर्मू, आलोक कुमार मुर्मू, तुलसीदास पंडित, सिद्धेश्वर किस्कू सहित कई कर्मचारी शामिल हुए.

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