फर्जी डिग्रीधारी 102 पारा शिक्षकों की स्कूल में नो एंट्री, ई-विद्यावाहिनी पोर्टल से भी किया बाहर

प्रभात इंपैक्ट. डीएसई ने सभी प्रखंडों के बीइइओ को भेजा पत्र. जून माह से मानदेय बंद करने के बावजूद ऐसे पारा शिक्षक स्कूल में नियमित कार्य कर रहे थे.

By BINAY KUMAR | November 20, 2025 11:25 PM

जामताड़ा. जामताड़ा जिले में फर्जी, गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले 102 सहायक अध्यापकों के विरुद्ध डीएसई कार्यालय की ओर से कार्रवाई करते हुए जून में माह में ही मानदेय बंद कर ऐसे सहायक अध्यापकों से काम नहीं लेने का निर्देश सभी संबंधित प्रधानाध्यापकों को दिया गया था. इसके बावजूद ऐसे 102 सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) नियमित कक्षा संचालन कर रहे थे. जिसे आपके अपने लोकप्रिय अखबार प्रभात खबर ने 12 नवंबर को 102 सहायक अध्यापकों के मानदेय जून माह से स्थगित, फिर भी नियमित जा रहे हैं स्कूल, नामक शीर्षक से खबर को प्रकाशित किया था. इसे संज्ञान में लेते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक विकेश कुणाल प्रजापति ने सख्त कदम उठाया है. उन्होंने सभी बीइइओ को पत्र जारी कर कहा है कि ऐसे 102 पारा शिक्षक वर्तमान समय में विद्यालय जाना व ई-विद्यावाहिनी पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, जो विभागीय आदेश की अवहेलना है. संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक व प्रभारी प्रधानाध्यापक को ऐसे पारा शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश देने से मना किया गया है. इसके अलावा जिला एमआइएस प्रभारी को 102 सहायक अध्यापकों का ई-विद्यावाहिनी पोर्टल पर तत्काल प्रभाव से निष्क्रिय करने का आदेश दिया है. जानकारी के अनुसार ऐसे पारा शिक्षक जामताड़ा प्रखंड में 11, नारायणपुर में 33, नाला में 10, कुंडहित में 11, करमाटांड़ में 21 व फतेहपुर में 16 हैं. बता दें कि फर्जी, गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से शैक्षणिक- प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र प्राप्त 102 सहायक अध्यापक जिले के विभिन्न स्कूलों में पठन-पाठन कार्य में जुटे थे. राज्य मुख्यालय के आदेश के बाद उनके प्रमाण पत्र की जांच की गयी. इसमें उनका प्रमाण पत्र फर्जी पाया और जून में इन शिक्षकों का मानदेय रोक दिया गया है. पठन-पाठन कार्य से अलग रहने को कहा गया था. बावजूद सभी स्कूल में नियमित कार्य कर रहे थे. इसकी लगातार शिकायत मिलने पर विभाग की ओर से सख्त कदम उठाया गया है. पत्र में संबंधित प्रधानाध्यापक को निर्देश दिया गया है कि ऐसे सहायक अध्यापकों से विद्यालय में कार्य नहीं लें. साथ ही वैसे सहायक अध्यापकों के विरुद्ध यथोचित वैधानिक कार्रवाई करते हुए कृत कार्रवाई की प्रति कार्यालय को समर्पित करने का निर्देश दिया गया है. पत्र में कहा कि भविष्य में इन सहायक अध्यापकों के कार्यरत रहने के फलस्वरूप विधि के विपरीत कोई आदेश पारित होता है तो इसकी पूर्ण जवाबदेही संंबंधित प्रखंड के बीइइओ एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक की होगी.

इन संस्थानों का शैक्षणिक प्रमाण पत्र वैध नहीं :

– प्रयाग महिला विद्यापीठ, इलाहाबाद

– भारतीय शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश

– राजकीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान, उत्तर प्रदेश

– हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, इलाहाबाद- हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद

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क्या कहते हैं डीएसई :

फर्जी प्रमाण पत्र के कारण जिले भर में 102 पारा शिक्षकों का मानदेय जून से बंद कर दिया है. बावजूद उनके स्कूलाें में नियमित कार्य करने की शिकायत आ रही थी. ऐसे शिक्षकों को संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को स्कूल में प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया गया है. वहीं उनका ई-विद्यावाहिनी पोर्टल निष्क्रिय कर दिया गया है.

– विकेश कुणाल प्रजापति, डीएसई, जामताड़ा.B

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