Jamshedpur News : टाटा स्टील स्थानीय और आदिवासियों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराता रहेगा : टीवी नरेंद्रन

Jamshedpur News : टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील हमेशा से स्थानीय और आदिवासियों को रोजगार के अवसर देता रहा है और आगे भी देता रहेगा.

By RAJESH SINGH | November 16, 2025 1:17 AM

Jamshedpur News :

टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील हमेशा से स्थानीय और आदिवासियों को रोजगार के अवसर देता रहा है और आगे भी देता रहेगा. कंपनी रोजगार के साथ ही उद्यमिता को भी बढ़ावा देता आया है और आगे भी देगा. संवाद जैसे आयोजन आदिवासी समुदाय को दुनिया और देश से जोड़ने का काम करेगा और वर्ष 2030 तक टाट स्टील 600 आदिवासी समुदाय से जुड़ने वाली पहली कंपनी बन गयी है. अब तक टाटा स्टील 300 से अधिक समुदाय से जुड़ चुका है. संवाद कार्यक्रम के जरिये कंपनी लगातार उनके रोजगार, संस्कृति और उनकी भाषा को संवर्धित करने में अपनी भूमिका निभा रहा है. इसको और बेहतर करने की कोशिश होगी. नरेंद्रन आदिवासी समुदाय का टाटा स्टील की ओर से आयोजित कॉन्क्लेव संवाद के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि समुदाय विशेष को आगे लाने के लिए करीब 100 साल से टाटा स्टील काम कर रही है. ट्राइबल लोगों को एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने की संवाद की मुहिम पूरे साल भर चलती है, जिससे लोग जुड़ते हैं. इसका लाभ समुदाय को भी हुआ है.

टाटा स्टील पूरे देश में रोजगार के साधन उपलब्ध करायेगा

टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील पूरे देश में रोजगार के साधन उपलब्ध करायेगा. ओडिशा और झारखंड के अलावा कंपनी का विस्तार अब पंजाब और दूसरे देशों में भी हो रहा है. जहां पर लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. वहां कंपनी की ओर से स्थानीय और आदिवासी समुदाय को रोजगार मुहैया कराया जायेगा.

औद्योगिक विकास को और गति देने की जरूरत

टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि झारखंड की स्थापना के 25 साल पूरे हो गये. झारखंड इकलौता ऐसा राज्य है, जहां कच्चा माल भी है और यहां प्रोडक्ट भी तैयार होता है. यहां स्टील से लेकर ऑटोमोटिव के प्लांट हैं. इस राज्य को और समृद्ध करने के लिए सबको मिलकर आगे आना चाहिए और वैल्यू चेन के जरिये इसके औद्योगिक विकास पर जोर देना चाहिए.

टाटा स्टील का भविष्य बेहतर, स्टील उद्योग चुनौतियों से जूझ रहा

इस दौरान टाटा स्टील के एमडी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि टाटा स्टील ने दूसरे तिमाही में बेहतर वित्तीय परिणाम दिया है. लेकिन स्टील उद्योग के समक्ष काफी चुनौतियां है. स्टील की कीमत लगातार घटती जा रही है. ऐसे में कंपनी के मुनाफा को बरकरार रखना चुनौती है. इसको लेकर काम चल रहा है. एंटी डंपिंग ड्यूटी पर प्रकाश डालते हुए नरेंद्रन ने कहा कि एंटी डंपिंग ड्यूटी को लेकर सरकार अभी कानून लायी है, लेकिन देश को सशक्त बनाना है, तो लागत खर्च से भी कम पर स्टील की बिक्री पर रोक लगानी ही होगी. इसको लेकर तय समय को और बढ़ाने पर भी हमलोग बात करेंगे.

नाइट शिफ्ट में काम करने से लैंगिक विविधता बढ़ेगी

टाटा स्टील में नाइट शिफ्ट में महिलाओं के काम करने को उन्होंने एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि कंपनी इस पहल का स्वागत करती है. सरकार ने भी इसे हरी झंडी दे दी है. अगर लैंगिक विविधता को प्रोत्साहित करना है, तो महिलाओं को नाइट शिफ्ट में भी काम करना होगा. कंपनी, अपने कार्यबल में महिलाओं की संख्या को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. हम महिलाओं को बेहतर कार्यस्थल देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी का पूरा इंतजाम किया गया है. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि महिलाएं बिना डर और भय के काम कर सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है