झारखंड में उत्तर भारत के सिख-पंजाबी आज मनायेंगे लोहड़ी का त्योहार, लगाएंगे भुग्गा

लोहड़ी का पर्व मनाने के लिए रात को लकड़ी का घेरा बनाकर आग जलाई जाती है, जिसे भुग्गा-लोहड़ी कहा जाता है. लोहड़ी के पर्व का मुख्य आकर्षण रात को जलाई जाने वाली आग होती है. जिसके चारों ओर घूमकर लोग जमकर भांगड़ा-गिद्दा व डांस करते हैं. लोहड़ी में जलने वाली आग अग्निदेव का प्रतिनिधित्व करती है.

By Prabhat Khabar | January 13, 2024 9:19 AM

Jamshedpur News: लोहड़ी का त्योहार शनिवार को हर्षोल्लास के साथ जमशेदपुर और राज्य के कई हिस्सों में रहनेवाले उत्तर भारतीय परिवार मनायेंगे. पुत्र रत्न प्राप्ति व विवाह के पहले साल वाले घरों में इसका जश्न दोगुना होता है. यह त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. लोहड़ी का पर्व मनाने के लिए रात को लकड़ी का घेरा बनाकर आग जलाई जाती है, जिसे भुग्गा-लोहड़ी कहा जाता है. यह अग्नि पवित्रता व शुभता का प्रतीक होता है. इस अग्नि में तिल, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक आदि अर्पित किये जाते हैं. वहीं, लोहड़ी की शाम मुहल्लों में बच्चों की टोलियां घर-घर जाकर दे माइ लोहड़ी… जीवे तेरी जोड़ी.. कह कर खाने के लिए कुछ भी मांगेंगी.

लोहड़ी में अग्नि पूजा महत्व

लोहड़ी के पर्व का मुख्य आकर्षण रात को जलाई जाने वाली आग होती है. जिसके चारों ओर घूमकर लोग जमकर भांगड़ा-गिद्दा व डांस करते हैं. लोहड़ी में जलने वाली आग अग्निदेव का प्रतिनिधित्व करती है.

हर नियम व परंपरा का करेंगे निर्वहन

आदित्यपुर निवासी रौनक धंजल एवं सिमरन कौर की शादी के बाद पहली लोहड़ी है. हाल ही में उनकी शादी हुई है. रौनक ने बताया कि इस बार लोहड़ी का जश्न जोरदार होगा. पूरी थीम एथेनिक है. जो भी नियम और परंपरा है, वो उसी तरह से निभाये जायेंगे, कुछ गीत-संगीत का कार्यक्रम का रखा गया है. परिवार के सभी लोग शामिल हो रहे हैं. ट्रेडिशनल फूड के साथ-साथ कुछ चटपटे व्यंजन भी रात के भोजन में शामिल होंगे

परिवार व आसपास के लोग होते हैं शामिल

बारीडीह बागुननगर निवासी अमरजीत कौर व सरबजीत कौर सगी बहन हैं. दोनों के परिवार साथ में लोहड़ी मनाती हैं. अमरजीत ने बताया कि परिवार में करीब 10-12 सदस्य हैं. एक दिन पहले ही लोहड़ी की खरीदारी कर चुकी हूं. परिवार के अलावा आसपास के लोग भी इसमें शामिल होते हैं.

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