Jamshedpur News : रिटर्न में कुछ छुपाने के चक्कर में जमशेदपुर के लोगों को मिल रहे हैं बल्क में आयकर नोटिस

Jamshedpur News : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस अंडर सेक्शन 143(1), 143(2), 139(9), 148, 133(6) के तहत शहर के वेतनभोगी- सैलेरीड लोगों को बल्क में नोटिस भेज रहा है.

By RAJESH SINGH | November 18, 2025 1:13 AM

ऑटोमेटिक सिस्टम होने के कारण रिटर्न में मामूली अंतर पर भी जारी हो जाते हैं नोटिस : आयकर विभाग

नोटिस का जवाब देने के बाद विभाग कर ले रहा है उसे स्वीकार : अधिवक्ता राजीव अग्रवाल

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस अंडर सेक्शन 143(1), 143(2), 139(9), 148, 133(6) के तहत शहर के वेतनभोगी- सैलेरीड लोगों को बल्क में नोटिस भेज रहा है. फॉर्म 26 एएस, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआइएस) और टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (टीआइएस) में कई सोर्स से हुए ट्रांजेक्शन के हिसाब जैसे- सैलरी से इनकम, बैंक से मिले ब्याज, डिविडेंड से कमाई, प्रॉपर्टी की खरीद, विदेश भेजे गये पैसे, क्रेडिट कार्ड के बड़े और अन्य बहुत कुछ खर्चों का रिटर्न में जिक्र करने और खर्च-निवेश संबंधी सही जानकारी नहीं देने पर नोटिस दिया जा रहा है. डिपार्टमेंट के ऑटोमेटिक सिस्टम में बतायी गयी जानकारी और उनके रिकॉर्ड में कोई अंतर मिलने पर नोटिस भेज रहा है. जमशेदपुर के लोगों को बल्क में नोटिस मिलने पर जहां संबंधित लोग परेशान हैं, वहीं विभागीय अधिकारी, सीए व टैक्स प्रोफेशनल भी दिन-रात माथापच्ची कर मिलान के तरीके ढूंढ रहे हैं. जमशेदपुर आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऑटोमेटिक सिस्टम होने के कारण रिटर्न में मामूली अंतर पर भी नोटिस जारी हो जा रहे हैं. जारी हुए नोटिस का जवाब भी लोग दे रहे हैं, जिसके बाद उन्हें क्लोज कर दिया जा रहा है. अभी तक किसी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

वर्जन…

सैलरीड को आइटी नोटिस मिलने की तीन वजहें होती हैं. रिटर्न में बतायी गयी इनकम, आपके फॉर्म 26 एएस, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट या फॉर्म 16 के आंकड़ों में अंतर. कोई वेतनभोगी कभी-कभी सेक्शन 80सी, 80डी, 80जी, 80जीजीसी, 80 टीटीए के तहत मिलने वाले डिडक्शन या एचआरए और एलटीए जैसी छूट के लिए बिना पक्के सबूतों के ज्यादा रकम का दावा कर देते हैं. इससे कंपनी के टीडीएस रिकॉर्ड और आपके इनकम टैक्स रिटर्न में अंतर आ जाता है, जिससे नोटिस आता है. एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआइएस) की व्यवस्था आने के बाद अब म्यूचुअल फंड में बड़ा निवेश, प्रॉपर्टी की खरीद या क्रेडिट कार्ड के बड़े खर्चे जैसे बड़े ट्रांजेक्शन आसानी से ट्रैक हो जाते हैं. कई लोग बैंक या क्रेडिट कार्ड से तो बड़े ट्रांजेक्शन कर लेते हैं, लेकिन उसे अपने आइटीआर में नहीं दिखाते हैं, ऐसे में आइटी नोटिस मिलता है.

अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, उपाध्यक्ष, टैक्स एंड फाइनांस, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्सB

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