Jamshedpur news. बागबेड़ा क्षेत्र से प्लास्टिक संग्रहण एवं प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हो : विद्युत वरण महतो

उपायुक्त की अध्यक्षता में हुई जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक, सांसद, जिप चेयरमैन व विधायकों के प्रतिनिधि हुए शामिल

By PRADIP CHANDRA KESHAV | June 25, 2025 8:23 PM

Jamshedpur news.

समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की समीक्षात्मक बैठक बुधवार को आहूत की गयी. बैठक में सांसद विद्युतवरण महतो, जिप अध्यक्ष बारी मुर्मू तथा सभी विधायकों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में निर्देश दिया गया कि व्यक्तिगत स्तर पर निर्धारित शौचालय निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लाभुकों को प्रेरित तथा विभागीय स्तर पर समन्वित प्रयास के लिए निर्देशित किया गया. वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में कुल स्वीकृत 21111 इकाई में से 688 का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है. इस योजना के तहत लाभुकों को स्वयं से शौचालय निर्माण के पश्चात विभाग द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में 12 हजार रुपये दी जाती है. ओडीएफ प्लस गांव को फाइव स्टार मॉडल गांव के रूप में परिवर्तित करने का निर्देश दिया गया. वहीं गोवर्धन योजना के तहत निर्मित गोबर गैस प्लांट इकाइयों को बेहतर तरीके से संचालन का निर्देश दिया गया.

बैठक में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के तहत ग्राम स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक का संग्रहण कर स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने की दिशा में पहल करने के लिए निर्देशित किया गया. बागबेड़ा क्षेत्र से प्लास्टिक संग्रहण एवं प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना का सुझाव सांसद विद्युत वरण महतो ने दिया. इस दौरान उपायुक्त ने अभियान के तहत किये गये कार्य के अलावा आने वाले दिनों में किये जाने वाले कार्यों को लेकर संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया.

बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए हर घर नल और पेयजल उपलब्ध कराने के लिए स समय योजनाओं के क्रियान्वयन का निर्देश दिया गया. परियोजना से जुड़े संवेदकों के कार्यों में तेजी लाने के लिए कार्यपालक अभियंताओं को जमीन से जुड़े मामले, वन विभाग से एनओसी क्लियरेंस आदि के लिए विभागीय समन्वय के साथ-साथ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया. सिंगल विलेज स्कीम, सिंगल विलेज क्लस्टर स्कीम, जो स्रोत के सूखा होने के कारण अपूर्ण हैं, वहां डीप बोरिंग या स्थाई जलस्रोत के माध्यम से नागरिकों के घर तक नल के माध्यम से पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया.

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