भुगतान में विलंब होने पर प्रखंड-पंचायत होंगे जिम्मेदार

उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने मनरेगा मजदूरी के संबंध में सभी बीडीओ को दिशा-निर्देश जारी किया है और कहा है कि किसी तरह की तकनीकी समस्या होने पर प्रखंड व पंचायत जिम्मेदार होंगे. साथ ही उन पर मनरेगा अधिनियम के तहत अर्थदंड भी लगाया जायेगा.

By Prabhat Khabar | August 9, 2020 5:00 AM

डीडीसी ने मनरेगा की मजदूरी भुगतान के संबंध में बीडीओ को जारी किया आदेश

एक दिन पूर्व पांच बीडीओ को किया था स्पष्टीकरण : डीडीसी ने मनरेगा कार्य में कम मजदूर लगने, कुछ पंचायतों में एक भी योजनाओं पर काम नहीं होने को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को पांच बीडीओ को स्पष्टीकरण करते हुए दो दिनों में जवाब मांगा था.

जमशेदपुर : उप विकास आयुक्त परमेश्वर भगत ने मनरेगा मजदूरी के संबंध में सभी बीडीओ को दिशा-निर्देश जारी किया है अौर कहा है कि किसी तरह की तकनीकी समस्या होने पर प्रखंड व पंचायत जिम्मेदार होंगे. साथ ही उन पर मनरेगा अधिनियम के तहत अर्थदंड भी लगाया जायेगा.

सभी बीडीओ को लिखे पत्र में डीडीसी ने कहा है कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान सुनिश्चित कराना केंद्र और राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है. इसके लिए मनरेगा अधिनियम के अंतर्गत मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के एवज में मजदूरी भुगतान मस्टर रॉल के अंतिम तिथि के अंतिम 15 दिनों के अंदर निश्चित रूप से उनके खाते में हस्तांतरित किया जाना है.

समय पर मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने के लिए मस्टर रॉल की प्रवृष्टि से लेकर टी-8 दिनों का समय सीमा निर्धारित किया गया है. डीडीसी ने कहा है कि विगत कुछ दिनों से बार-बार ऐसा देखा जा रहा है कि तकनीकी कारणों से मनरेगा सॉफ्ट में मस्टर रॉल ट्रैकिंग का पेज खुल नहीं पाता है. मस्टर रॉल ट्रैकिंग का पेज खुल नहीं पाने से एमआर किस स्टेज में लंबित है, यह ट्रैकिंग कर पाने में दिक्कत हो रही है.

डीडीसी ने मनरेगा सॉफ्टवेयर में मस्टर रोल ट्रैकिंग में लंबित एमआर को टी-5 तक में भर कर भुगतान तथा प्रखंड/पंचायत स्तर से निर्गत हो रहे मस्टर रोल का रजिस्टर संधारण करने का निर्देश दिया है. जिससे तकनीकी कारणों से मस्टर रॉल ट्रैकिंग पेज नहीं खुल पाने की स्थिति में रजिस्टर से मस्टर रोल का मिलान कर एमआइएस में इंट्री कर भुगतान किया जा सके.टी- 5 के बाद मस्टर रॉल को भर कर भुगतान करने की कार्रवाई प्रखंड-पंचायत स्तर पर किये जाने में अगर किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है तो उसके लिए प्रखंड-पंचायत जिम्मेदार होंगे.

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