Jamshedpur News : औद्योगिक कंपोनेंट के टिकाऊपन के लिए उन्नत कोटिंग्स प्रौद्योगिकियां जरूरी : डॉ संदीप चौधुरी

उन्नत सतह अभियांत्रिकी और सुरक्षात्मक कोटिंग प्रौद्योगिकी से संबंधित नवीनतम अवधारणाओं, सामग्री चयन, प्रदर्शन मूल्यांकन एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों की जानकारी दी गयी.

By RAJESH SINGH | November 13, 2025 12:47 AM

सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला में जंग और घर्षणरोधी कोटिंग प्रौद्योगिकी विषय पर कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम

Jamshedpur News :

सीएसआइआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा बुधवार को बर्मामाइंस स्थित संस्थान में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तत्वावधान में माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमइ) तथा सहयोगी उद्योगों के लिए ‘जंग और घर्षणरोधी कोटिंग प्रौद्योगिकी’ विषय पर कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें उन्नत सतह अभियांत्रिकी और सुरक्षात्मक कोटिंग प्रौद्योगिकी से संबंधित नवीनतम अवधारणाओं, सामग्री चयन, प्रदर्शन मूल्यांकन एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों की जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में 35 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. भाग लेने वाली संस्थाओं में एमडेट जमशेदपुर प्रालि, न्यू एरा कंपनी, शिवा इनऑर्गेनिक्स, वैलर वायर्स प्रालि, मिका मोल्ड, एक्रोपॉली मेटल प्रालि, गर्ग इंजीनियर्स प्रालि, प्रोमिस इंडस्ट्री, फर्नेस एनर्जी, मेटाफैब, टाटा ब्लूस्कोप, कॉरकिल, खेतान उद्योग तथा टाटा मोटर्स, जमशेदपुर प्लांट शामिल रहे.

सीएसआइआर-एनएमएल के निदेशक डॉ संदीप घोष चौधुरी व वरिष्ठतम मुख्य वैज्ञानिक, प्रमुख-एमटीइ एवं सलाहकार (मानव संसाधन समूह) निदेशक, डॉ एस शिवप्रसाद, सीएसआइआर-एनएमएल ने औद्योगिक कॉम्पोनेंट के टिकाऊपन में उन्नत कोटिंग्स प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा उद्योग-अनुसंधान सहयोग के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया. डीएसटी-एमएमटी (उन्नत सामग्री एवं संक्षारण विभाग एवं कार्यक्रम समन्वयक) के प्रमुख डॉ रघुवीर सिंह ने भारत द्वारा समर्थित जंग और घर्षणरोधी कोटिंग प्रौद्योगिकी पर उत्कृष्टता केंद्र की गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कैसे एमएसएमइ एवं सहयोगी उद्योगों द्वारा विशिष्ट तकनीकी चुनौतियों के समाधान के लिए लक्षित वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय हस्तक्षेप प्रदान करता है.

कार्यक्रम के संयोजक डॉ शैलेंद्र के झा ने उद्योग में सतह परिष्करण क्रियाओं एवं इलेक्ट्रोप्लेटिंग की भूमिका पर जानकारी दी. प्रतिभागियों को इलेक्ट्रोप्लेटेड कंपोनेंट्स में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव दिये. प्रतिभागियों को इलेक्ट्रोप्लेटिंग, हॉट-डिप कोटिंग, एचवीओएफ, घर्षण एवं परीक्षण, प्राइमर एवं पेंट अनुप्रयोग तथा जंग विश्लेषण तकनीकों (जैसे पोलराइजेशन, सॉल्ट-स्प्रे और वजन-हानि परीक्षण) पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया.

प्रतिभागियों ने नवीनतम उपकरणों एवं तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया

तकनीकी सत्रों में जंग की प्रक्रियाओं के मूल सिद्धांत, सतह अभियांत्रिकी के सिद्धांत, कोटिंग करने की विभिन्न विधियां (जैसे इलेक्ट्रोप्लेटिंग, हॉट-डिप गैल्वनाइजेशन, थर्मल स्प्रे, पीवीडी, सीवीडी आदि) तथा सूक्ष्म संरचनात्मक अभियांत्रिकी के साथ-साथ जंग एवं घर्षणरोधी कोटिंग्स के प्रदर्शन मूल्यांकन के परीक्षण तरीकों पर चर्चा की गयी. प्रतिभागियों को सीएसआइआर-एनएमएल में उपलब्ध नवीनतम उपकरणों एवं तकनीकों का अनुभव प्राप्त हुआ. कार्यक्रम का समापन सत्र एवं प्रमाणपत्र वितरण समारोह के साथ हुआ, जिसमें सीएसआइआर-एनएमएल की नवाचार, तकनीकी प्रगति और उद्योगोन्मुख प्रशिक्षण के माध्यम से भारत के एमएसएमइ पारिस्थितिकी तंत्र एवं सहयोगी क्षेत्रों के सशक्तीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है