आदित्यपुर में डिप्लोमा इन स्किल मैनेजमेंट का पहला सत्र जुलाई से आरंभ

आदित्यपुर. केंद्र सरकार किताबी ज्ञान के अलावा व्यवहारिक जानकारी पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि बेरोजगारी व कुशल मानव संसाधन के बीच की खाई को पाटा जा सके. इसके लिए डिप्लोमा इन स्किल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. इसके संचालन की जिम्मेवारी कौशल विकास मंत्रालय के अधीन कार्यरत फोरमैन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(एफटीआइ) आदित्यपुर को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2017 8:12 AM

आदित्यपुर. केंद्र सरकार किताबी ज्ञान के अलावा व्यवहारिक जानकारी पर विशेष ध्यान दे रही है, ताकि बेरोजगारी व कुशल मानव संसाधन के बीच की खाई को पाटा जा सके. इसके लिए डिप्लोमा इन स्किल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. इसके संचालन की जिम्मेवारी कौशल विकास मंत्रालय के अधीन कार्यरत फोरमैन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट(एफटीआइ) आदित्यपुर को सौंपी गयी है. यह कोर्स पहली बार मुंबई के बाद आदित्यपुर में चलेगा. संस्थान के उप निदेशक डॉ बीके दुबे ने बताया कि नये सत्र में उक्त कोर्स यहां शुरू हो जायेगा.

इस कोर्स में 80 प्रतिशत प्रशिक्षण हैंड ट्रेनिंग होगा.आइटीआइ पास करेंगे कोर्स. डॉ दुबे के अनुसार दो साल के डिप्लोमा इन स्किल मैनेजमेंट का पहला सत्र जुलाई से आरंभ होगा. इसमें किसी भी ट्रेड में आइटीआइ पास छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा. इसके लिए लिखित प्रवेश परीक्षा आयोजित की जायेगी. इसमें सफल 40 अभ्यर्थियों को कोर्स में दाखिला मिलेगा. पाठ्यक्रम के दौरान एक-एक प्रशिक्षणार्थियों को एक-एक मशीन पर प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जायेगी.

इंस्ट्रक्टर ट्रेंनिंग का दूसरा बैच. एफटीआइ में कम से कम दो साल के अनुभव वाले आइटीआइ, डिप्लोमा या इंजीनियरिंग में डिग्री वाले छात्र-छात्राओं के लिए पिछले साल से इंस्ट्रक्टर ट्रेनिंग का कोर्स आरंभ किया गया है. इसका एक बैच निकल चुका है. एक साल के इस प्रशिक्षण के बाद उन्हें आइटीआइ में शिक्षक की नौकरी मिलती है.

पटना में खुला महिला सेंटर :एफटीआइ का महिला सेंटर पटना के दीघा में खोला गया है. इसके लिए अभी कमरे की व्यवस्था की गयी है. राज्य सरकार जब जमीन उपलब्ध करायेगी तो उस पर इसका भवन बनेगा.

आधारभूत संरचाना का घोर अभाव

पूर्वी क्षेत्र का एकमात्र एफटीआइ आदित्यपुर के राजकीय पॉलीटेक्नीक संस्थान परिसर में वर्षों से चल रहा है. यहां नये-नये कोर्स शुरू हो रहे हैं, लेकिन आधारभूत संरचना को घोर अभाव हैं. आवश्यकतानुसार शिक्षक, आधुनिक मशीनें, प्रयोगशाला, वर्ग कक्षाएं व छात्रावास नहीं हैं. इसके कारण किसी भी कोर्स में प्रशिक्षणार्थियों की संख्या कम रखी जाती है. छात्रावास भी मात्र 20 छात्रों के रहने के लिए है.

Next Article

Exit mobile version