सीतारामपुर डैम : गेट बनने से पानी बर्बाद होने से तो बचा, पर स्पिलवे गेट अब भी अधूरा

आदित्यपुर : वर्षों से टूटे पड़े सीतारामपुर डैम के स्पिलवे गेट का निर्माण पेयजल व स्वच्छता विभाग ने करोड़ों रुपये खर्च कर करवाया, लेकिन इसकी व्यवस्था को अधूरी छोड़ दी गयी है.... बरसात में डैम में अधिक पानी होने पर स्पिलवे गेट को खोला जाता है, इसके गेट को ऊपर-नीचे करने के लिए बिजली के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 8:47 AM

आदित्यपुर : वर्षों से टूटे पड़े सीतारामपुर डैम के स्पिलवे गेट का निर्माण पेयजल व स्वच्छता विभाग ने करोड़ों रुपये खर्च कर करवाया, लेकिन इसकी व्यवस्था को अधूरी छोड़ दी गयी है.

बरसात में डैम में अधिक पानी होने पर स्पिलवे गेट को खोला जाता है, इसके गेट को ऊपर-नीचे करने के लिए बिजली के मोटर लगे हैं, फिर भी एक साल बीत जाने के बावजूद यहां बिजली की व्यवस्था नहीं की गयी है. गेट के शेड जगह-जगह से उड़ गये हैं. विभाग की उपेक्षा के कारण नया स्पिलवे गेट बर्बाद होने लगा है.
कोर्ट के आदेश पर बना था गेट. स्पिलवे गेट के खराब रहने से सीतारामपुर डैम का पानी बहकर बर्बाद हो जाता था. डैम के पानी को बचाने के लिए झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने वर्ष 2016 में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. कोर्ट ने गेट बनवाने का आदेश पेयजल व स्वच्छता विभाग को दिया था. इसके लिए विभाग ने 1.15 करोड़ रुपये सिंचाई विभाग को स्थानांतरित किया. गेट के निर्माण के लिए 2017 में टेंडर हुआ था.
मुख्य सचिव से होगी शिकायत
आदित्यपुर. सीतारामपुर डैम के नवनिर्मित स्पिलवे गेट को बर्बादी से बचाने के लिए संस्था के अध्यक्ष ओम प्रकाश इसकी शिकायत राज्य सरकार के मुख्य सचिव व पेयजल विभाग के प्रधान सचिव से करेंगे. उनसे इस संपत्ति की सुरक्षा व जनहित में उपयोग करने की मांग की जायेगी. उन्होंने बताया कि यह खुशी की बात है कि कोर्ट के आदेश पर डैम के सभी पांचों गेट बन जाने से डैम में अभी 21 फीट पानी है. जो ओवरफ्लो होने से एक फीट ही कम है.