जमशेदपुर का हाल: हर पांचवें दिन एक नाबालिग हो रही है दरिंदगी की शिकार

जमशेदपुर : जनवरी 2019 से जुलाई तक के आंकड़े को देखें, ताे पता चलता है कि जमशेदपुर में हर पांचवें दिन एक नाबालिग हवस का शिकार बन रही हैं. इस वर्ष 181 दिनों में 32 नाबालिग को हवसियों को शिकार बनाया गया, जिनका मामला कोर्ट में चल रहा है. जुलाई के महज 10 दिनों में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2019 2:57 AM

जमशेदपुर : जनवरी 2019 से जुलाई तक के आंकड़े को देखें, ताे पता चलता है कि जमशेदपुर में हर पांचवें दिन एक नाबालिग हवस का शिकार बन रही हैं. इस वर्ष 181 दिनों में 32 नाबालिग को हवसियों को शिकार बनाया गया, जिनका मामला कोर्ट में चल रहा है. जुलाई के महज 10 दिनों में पॉक्सो एक्ट के तीन मामले अलग-अलग थानाें में दर्ज किये गये हैं.

वहीं, इस वर्ष सबसे ज्यादा जनवरी में पॉक्सो एक्ट के तहत 10 मामले अलग-अलग थानाें में दर्ज किये गये. सरकार द्वारा बाल यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए कई कदम उठाये गये हैं. बच्चों से जुड़े यौन अपराध मामले में अब मौत की सजा मिलेगी. बावजूद इसके यौन उत्पीड़न का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है.
नाबालिग से यौन शोषण करने में पुलिसकर्मी भी रहे हैं शामिल. देह व्यापार कराने वाले भी नाबालिगों से इस तरह का घिनौना काम करवा रहे हैं. पिछले दिनों टेल्को की नाबालिग के साथ पुलिसकर्मियों ने भी दुष्कर्म किया था. साथ ही नाबालिग के साथ उसके बहनोई ने भी दुष्कर्म किया. इस मामले में देह व्यापार करवाने वाले करन सिंह को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है. दूसरी ओर, मानगो सहारा सिटी में नाबालिग के साथ डीएसपी और इंस्पेक्टर समेत कई लोगों ने दुष्कर्म किया. इस मामले में पुलिस ने सिर्फ तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. जबकि डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत 16 आरोपियों के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पीड़िता के संरक्षक ने मामले की सीबीआई से जांच की मांग मुख्यमंत्री से की है. मुख्यमंत्री ने मामले की जांच का जिम्मा सीआइडी को दिया और एक माह में जांच रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. लेकिन नौ महीने बीतने के बाद भी अब तक सीआइडी की टीम ने आरोपी डीएसपी और इंस्पेक्टर से पूछताछ तक नहीं की है. एक ओर सरकार पॉक्सो एक्ट के सख्ती से अनुपालन करने का निर्देश जारी कर रही है. वहीं, वारदात की प्राथमिकी दर्ज होने पर पुलिस अधिकारी या किसी सफेदपोश का नाम आने पर पुलिस की जांच धीमी हो जाती है.

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