जमशेदपुर :सरकारी विभाग का निजीकरण ही एकमात्र उपाय नहीं : सरयू राय

झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन का 11वां राज्य सम्मेलन रांची/जमशेदपुर : सरकारी विभाग का निजीकरण करना ही एक मात्र उपाय नहीं है. फिर भी अगर सरकार निजीकरण की योजना बना रही है, तो उसे यह कार्य विवेकपूर्ण तरीके से करना होगा, ताकि इसका आम जनता को फायदा मिल सके. उक्त बातें मंत्री सरयू राय ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2019 9:21 AM
झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन का 11वां राज्य सम्मेलन
रांची/जमशेदपुर : सरकारी विभाग का निजीकरण करना ही एक मात्र उपाय नहीं है. फिर भी अगर सरकार निजीकरण की योजना बना रही है, तो उसे यह कार्य विवेकपूर्ण तरीके से करना होगा, ताकि इसका आम जनता को फायदा मिल सके. उक्त बातें मंत्री सरयू राय ने कही. वह रविवार को झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के 11वें राज्य सम्मेलन में बोल रहे थे. बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.
श्री राय ने कहा कि सरकार एक ओर बिजली की दरें बढ़ा रही है. उसके बदले में अगर सात-अाठ घंटे बिजली कट रही है, तो इसकी जवाबदेही भी बिजली विभाग के कर्मचारी और पदाधिकारियों की तय होनी चाहिए. मौके पर सरयू राय को यूनियन की ओर से शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया.
बिजली विभाग का निजीकरण हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल : झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्णा सिंह ने कहा कि जमशेदपुर, रांची और धनबाद में बिजली विभाग का निजीकरण होनेवाला है.
अगर निजीकरण बंद नहीं किया गया और स्थानांतरित किये गये कर्मचारियों को वापस नहीं बुलाया गया, तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेगी. श्री सिंह ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री घोषणा करते हैं कि राज्य में 81 पावर ग्रिड और 217 सब स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है. सरकार लोगों को निरंतर बिजली आपूर्ति करने के लिए आधारभूत संरचना तैयार कर रही है.
फिर भी निजीकरण की बातें की जा रही है. उन्होंने कहा कि निजीकरण होने पर बिजली की दर प्रति यूनिट नौ रुपये हो जायेगी. श्री सिंह ने कहा कि बिहार में जनता को जीरो कट बिजली मिल रही है, लेकिन वहां निजीकरण की चर्चा तक नहीं है.
श्री सिंह ने कहा कि निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारी 20 जुलाई को काला बिल्ला लगायेंगे. नौ अगस्त से राज्य व्यापी हड़ताल करेंगे.सम्मेलन से पूर्व बिजली कामगार यूनियन ने रैली का निकाली. इसमें निजीकरण के विरोध में नारेबाजी की गयी.

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