अवैध कारोबार के कारण होती है वारदात

जमशेदपुर : जुगसलाई-बागबेड़ा क्षेत्र में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. इलाके में अवैध शराब और स्क्रैप टाल छोटी-बड़ी घटनाओं का कारण बनते है. छोटे विवाद में बात हत्या तक पहुंच जाती है. जुगसलाई में स्क्रैप के अवैध धंधे में वर्चस्व को लेकर ही राजा गद्दी गिरोह के लोगों ने नवसाद गद्दी के परिवार के लोगों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 20, 2019 8:08 AM

जमशेदपुर : जुगसलाई-बागबेड़ा क्षेत्र में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. इलाके में अवैध शराब और स्क्रैप टाल छोटी-बड़ी घटनाओं का कारण बनते है. छोटे विवाद में बात हत्या तक पहुंच जाती है. जुगसलाई में स्क्रैप के अवैध धंधे में वर्चस्व को लेकर ही राजा गद्दी गिरोह के लोगों ने नवसाद गद्दी के परिवार के लोगों पर तेज धार हथियार से हमला बोला था. राजा गद्दी और उसके सहयोगियों ने घर पर पथराव भी किया.

यह अवैध कारोबार और क्षेत्र में वर्चस्व बनाने की अपराधियों की रणनीति का हिस्सा रहा है. रुपये के लेन-देन में ही जुगसलाई के ईदगाह मैदान के पास युवक की हत्या चर्चा में रही थी. बागबेड़ा थाना क्षेत्र में जुआ-मटका अड्डों के संचालन और अवैध शराब का धंधे में कई बार फायरिंग की घटनाएं हो चुकी है.
बागबेड़ा के रहने वाले मन्ना महतो गिरोह और रंजीत-संजीत गिरोह के बीच कई बार मारपीट और फायरिंग की घटना हुई है. मटका संचालन के विवाद को लेकर डब्लू मिश्रा ने रंजीत के पिता पर गोली चलायी थी. वहीं बदला लेने के लिए डब्लू मिश्रा और रंजीत गिरोह के बीच गैंगवार शुरू हो गया था. रंजीत के साथियों ने मन्ना पर भी गोली चलायी.
तब बच गया. मटका संचालन के विवाद में कई बार दोनों गिरोह ने एक-दूसरे पर जानलेवा हमला कर चुके है. इस दौरान डब्लू मिश्रा के सहयोगी सोनू मिश्रा को स्टार टॉकिज के पास रंजीत गिरोह के लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दिया था. उस वक्त सोनू कोर्ट से पेशी के बाद अपने पिता के साथ स्टेशन जा रहा था.
शराब बेचने और साथ में बैठ कर शराब पीने के दौरान भी बागबेड़ा क्षेत्र में मारपीट और हत्या की घटना हुई है. शराब पीने के दौरान ही बागबेड़ा के रहने वाला चेपा को भुजाली से मार कर जख्मी कर दिया था. वहीं राजू शर्मा की हत्या भुजाली से मार कर किया गया था.
जिला पुलिस को चाहिए 100 से अधिक वाहन, पुलिस बल की भी कमी
एसएसपी अनूप बिरथरे ने बताया कि पुलिस अपने स्तर से अपराध नियंत्रण का प्रयास कर रही है. 20 लाख की अाबादी वाले जिले में कम संसाधन में काम करना चुनौती पूर्ण है. अभी 100 से अधिक चार पहिया वाहन की जरूरत पुलिस को है.
वाहनों की कमी के कारण फोर्स के मूवमेंट में विलंब होता है. पुलिस में फोर्स की कमी है. पुलिसकर्मियों की वर्तमान संख्या 2500 है, इससे अधिक पुलिस बल चाहिए. अतिरिक्त पुलिस बल मिल जाने से गश्ती में अधिक से अधिक जवानों को लगाया जा सकेगा.
लोगों को ऐसा लगता है फोन पर सूचना देने के बाद पुलिस फौरन पहुंच जाये, लेकिन वाहन और फोर्स की कमी होने के कारण इसके विलंब होता है. हाल में सायरन युक्त बाइक से गश्त की जा रही है. आधुनिकीकरण में दूसरे राज्यों की तुलना में हम कुछ पीछे है. तकनीकी रूप से कई उपकरणों को लगाया गया है पर कई अत्याधुनिक सिस्टम की कमी है.

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