जमशेदपुर के शुभांक ने बनाया रोपोसो एप
जमशेदपुर : राजेंद्र विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी कौशल शुभांक ने अपने कॉलेज के दो दोस्तों के साथ मिल कर रोपोसो एप तैयार किया है. इस एप को कुल 2.5 करोड़ भारतीय इस्तेमाल कर रहे हैं. कौशल ने बताया कि रोपोसो एक शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म है जिसके दिलचस्प वीडियो क्रिएशन व एडिटिंग टूल्स की मदद से […]
जमशेदपुर : राजेंद्र विद्यालय के पूर्व विद्यार्थी कौशल शुभांक ने अपने कॉलेज के दो दोस्तों के साथ मिल कर रोपोसो एप तैयार किया है. इस एप को कुल 2.5 करोड़ भारतीय इस्तेमाल कर रहे हैं.
कौशल ने बताया कि रोपोसो एक शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म है जिसके दिलचस्प वीडियो क्रिएशन व एडिटिंग टूल्स की मदद से लोग कई प्रकार की वीडियो बना सकते हैं.
देश व दुनिया में संचालित अन्य प्लेटफॉर्म्स के मुकाबले इस ऐप की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका प्रयोग अंगरेजी के साथ-साथ नौ भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, मराठी, बंगाली और गुजराती में भी किया जा सकता है. फिलहाल गुरुग्राम (हरियाणा) से इसका संचालन किया जा रहा है.
कौशल ने बताया कि इस स्टार्टअप के जरिये अब तक रोपोसो ने 220 करोड़ रुपये फंड जमा किया है.
स्कूली शिक्षा का अहम रोल : कौशल ने अपनी सफलता का श्रेय जमशेदपुर और राजेंद्र विद्यालय को दिया है. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर में किताबी पढाई से ज़्यादा तथ्य और तर्क पर आधारित शिक्षा दी जाती है.
जिससे शहर के लोगों की सोच काफी विकसित, तर्कपूर्ण और वैज्ञानिक रही है. यही सोच, व्यवस्थित जीवनशैली और उच्च शिक्षा का माहौल इस शहर को भारत के किसी भी अन्य शहर से काफी अलग बनाता है.
कौशल ने कहा कि सफलता के मूल मंत्र और जीवन जीने के सही आदर्श जो मैंने अपने शहर जमशेदपुर में सीखे हैं, वे मुझे कहीं और सीखने को नहीं मिल सकते थे.
आइआइटी दिल्ली से की पढ़ाई
कौशल ने बताया कि उनके पिता जुस्को में मैकेनिकल इंजीनियर हैं जबकि छोटे भाई भी आइआइटी से बीटेक कर बीसीजी में नौकरी कर रहे हैं. पारिवारिक बैकग्राउंड इंजीनियरिंग होने के कारण इस क्षेत्र में रुझान बढ़ा. राजेंद्र विद्यालय से स्कूली शिक्षा करने के बाद आइआइटी दिल्ली से बीटेक किया.
उन्होंने कहा कि काम की व्यस्तता की वजह से जमशेदपुर आना कम हो गया है. लेकिन जब कभी भी आते हैं तो छात्र जीवन में बिताये गये पलों को याद करने के लिए उन स्थानों पर जरूर जाते हैं जहां स्कूल के दिनों में समय बिताया करते थे.