आश्वासन पर दूसरे दिन टूटी मजदूरों की हड़ताल

जमशेदपुुर : विभागीय पदाधिकारी के आश्वासन पर राज्य खाद्य निगम में कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन यानी शनिवार को टूट गयी थी, लेकिन जमशेदपुर में रविवार करीब दोपहर दो बजे के बाद हुई. इससे साकची समेत जिले के सभी एक दर्जन राज्य खाद्य निगम गोदामों पर लटका ताला खुला. इसके बाद काम शुरू हुआ. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 4, 2019 1:37 AM
जमशेदपुुर : विभागीय पदाधिकारी के आश्वासन पर राज्य खाद्य निगम में कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन यानी शनिवार को टूट गयी थी, लेकिन जमशेदपुर में रविवार करीब दोपहर दो बजे के बाद हुई. इससे साकची समेत जिले के सभी एक दर्जन राज्य खाद्य निगम गोदामों पर लटका ताला खुला.
इसके बाद काम शुरू हुआ. दरअसल, पहली मार्च से राज्य खाद्य निगम के गोदाम में कार्यरत ठेका मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी, एपीएफ, बीमा, समेत अन्य मांगों को लेकर इंटक प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप बलमुचु (ददई गुट) अौर प्रदेश महामंत्री संतोष सोनी ने संयुक्त रूप से सामूहिक हड़ताल पर चले गये थे. रविवार को हड़ताल समाप्त होने की जानकारी राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक सह पूर्वी सिंहभूम जिला आपूर्ति पदाधिकारी नवीन कुमार ने दी.
हमारी मांगें जायज थी, सरकार को इन मांगों को पहले से मान लेना चाहिए. ये कितनी शर्म की बात है, सरकारी गोदाम में काम करने वाले मजदूरों को वर्षों से न्यूनतम मजदूरी तक नहीं दी जा रही है, बीमा नहीं, इलाज नहीं, इपीएफ नहीं. भाजपा सरकार में अंधा कानून जैसी स्थिति थी. न्याय पाने के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से सरकार का नींद खुली.
डॉ प्रदीप बलमुचु, अध्यक्ष इंटक

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