जमशेदपुर : डाॅलर की किताबों काे रुपये में जोड़ा दो करोड़ की राशि, 24 लाख बतायी

ब्रजेश मिश्रा, जमशेदपुर : गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने का दावा करने वाले कोल्हान विवि ने एक और नया कारनामा कर दिया है. विवि के अलग-अलग स्नातकोत्तर विभागों में किताब खरीद के लिए जारी किये गये टेंडर में विदेशी प्रकाशन और लेखकों की पुस्तकों का मूल्य डाॅलर और पाउंड में लिखा था. विवि ने अपनी निविदा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 2, 2019 7:44 AM
ब्रजेश मिश्रा, जमशेदपुर : गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने का दावा करने वाले कोल्हान विवि ने एक और नया कारनामा कर दिया है. विवि के अलग-अलग स्नातकोत्तर विभागों में किताब खरीद के लिए जारी किये गये टेंडर में विदेशी प्रकाशन और लेखकों की पुस्तकों का मूल्य डाॅलर और पाउंड में लिखा था. विवि ने अपनी निविदा में इसे रुपये में जोड़कर जारी कर दिया.
अलग-अलग विभागों की ओर से उपलब्ध करायी गयी पुस्तकों का कुल मूल्य भारतीय मुद्रा के अनुसार करीब ढाई करोड़ रुपये तक पहुंच रहा है. विवि ने अपनी निविदा में डाॅलर व पाउंड को रुपये में जोड़कर 23.84 लाख रुपये में समेट दिया. आवेदन करने वाले किताब सप्लायरों की ओर से निविदा पर कड़ी आपत्ति जताने के बाद आनन-फानन में पुरानी निविदा को बदल कर नयी निविदा जारी कर दी गयी. इसमें किताबों का कुल मूल्य हटा दिया गया. टर्म एंड कंडीशन को यथावत रखा गया.
पहला टेंडर आठ जनवरी, दूसरा नौ जनवरी काे हुआ जारी
कोल्हान विवि में किताबों के लिए दो अलग-अलग टेंडर जारी किये गये. 23.84 लाख रुपये के मूल्य के साथ निकाला गया पहला टेंडर आठ जनवरी को जारी किया गया. दूसरा टेंडर सुधार के साथ गत नौ जनवरी को जारी किया गया. पहले टेंडर का लेटर नंबर केयू/आर/सीसीडीसी/708 /19 तथा दूसरे टेंडर का लेटर नंबर केयू/आर/सीसीडीसी/708ए /19 रखा गया.
बड़ा सवाल, एक करोड़ के टर्नओवर वाले कैसे करेंगे ढाई करोड़ की किताब सप्लाई
विवि ने अपनी गलती में सुधार के लिए टेंडर बदल दिया. टर्म एंड कंडीशन को बनाये रखा. इसमें कहा गया है कि किताब की आपूर्ति करने वाले सप्लायर के लिए एक करोड़ रुपये का टर्न ओवर अनिवार्य है. आवेदन के लिए कतार में खड़े सप्लायर सवाल उठा रहे हैं कि करीब ढाई करोड़ रुपये की किताब सप्लाई का आर्डर एक करोड़ के टर्न ओवर वाले सप्लायर को कैसे दिया जा सकता है.
गौरतलब है कि पूर्व की निविदा में करीब 23.84 लाख रुपये मूल्य की किताब आपूर्ति के समय यही सारी शर्तें रखी गयी थीं. पूर्व में सप्लाई की जाने वाली किताबों की सूची के साथ उनका मूल्य भी अंकित किया गया था. नयी निविदा में किताबों का मूल्य हटा लिया गया. पुस्तक सूची के साथ प्रकाशन का नाम नहीं दिया गया है.

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