पिस्तौल व गोलियों के साथ एक गिरफ्तार, साथी फरार

आदित्यपुर : पुलिस ने चार जनवरी को हुई एडीएफसी बैंक लूट की घटना में शामिल बदमाशों में से एक को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि पूर्व के कई कांडों में संलिप्त रहा अभियुक्त रावण केराई उर्फ सुधीर केराई हथियार के साथ एनआइटी मोड़ पर अपने साथी के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2019 5:28 AM
आदित्यपुर : पुलिस ने चार जनवरी को हुई एडीएफसी बैंक लूट की घटना में शामिल बदमाशों में से एक को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है. पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि पूर्व के कई कांडों में संलिप्त रहा अभियुक्त रावण केराई उर्फ सुधीर केराई हथियार के साथ एनआइटी मोड़ पर अपने साथी के साथ घूम रहा है.
पुलिस की छापामारी टीम जब वहां पहुंची, तो उन्हें देखकर कुछ लोग भागने लगे. उनमें से एक रावण केराई पकड़ा गया, जबकि उसका साथी विजय लागुरी भागने में सफल रहा. उसके पास से एक लंबे बैरल वाला देशी कट्टा (पिस्तौल) व तीन जिंदा गोलियां बरामद हुई.
पुलिस पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह व उनके बाहर के साथी बैंक लूट में शामिल थे और गार्ड से लूटी गयी बंदूक व अपने साथ लाये बम को जुस्को सबस्टेशन के पास फेंक दिया था. उसे बैंक से लूटी राशि नहीं मिली, क्योंकि सायरन बजने से सभी भागे व बचाव के लिए अलग-अलग हो गये.
उसे पता नहीं है कि किसके पास लूटी हुई राशि है. यह जानकारी देते हुए आदित्यपुर थाना प्रभारी विजय सिंह व आरआइटी थाना प्रभारी अंजनी कुमार ने बताया कि घटना की सीसीटीवी फुटेज में जो ब्लू रंग की स्कूटी दिखी थी और उस पर सवार रावण केराई के कपड़ों जैकेट व जींस पैंट से उसकी पहचान कर ली गयी. दोनों सामान बरामद कर लिये गये.
वह 11 दिसंबर को जेल से बाहर आया था. वह अपने साथियों को बाहरी बता रहा है. उसका कहना है कि बाकी सभी विजय लागुरी के पहचान वाले हैं. लेकिन संदेह है कि वे सभी भी स्थानीय ही हैं. सभी आठ साथियों की पहचान की जा रही है.
डकैती व हत्या में रहा है शामिल
रावण केराई डकैती व हत्या के मामलों में शामिल रहा है. वह 2008 के तिरिंग थाना हत्याकांड, 2010 के जोड़ा थाना डकैती कांड, सरायकेला थाना आर्म्स एक्ट कांड, कुचाई थाना बैंक डकैती तथा कुचाई थाना हत्याकांड में संलिप्त रहा है.
भेष बदल कर घूम रहा था रावण
पुलिस ने बताया कि रावण केराई मूल रूप से तेलीडीह (खरसावां) का रहने वाला है. यहां बनतानगर में उसका ठिकाना है. घटना को अंजाम देने के बाद शाम में करीब 5.30 बजे ट्रेन से खरसावा भाग गया. वहां से सात जनवरी को यहां वापस आया. इस बीच उसने अपने सिर मुड़वा भेष बदल कर घूम रहा था. उसकी जेब से ट्रेन का टिकट बरामद हुआ था.

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