हजारीबाग में अनिश्चितकालीन धरना पर अड़े रैयत, विधायक बोलीं : मुझे मिल रही जान से मारने की धमकी

हजारीबाग जिला के बड़कागांव में रैयतों का आंदोलन जारी है. बारिश के बीच भी रैयत अनिश्चितकालीन धरना पर अड़े हैं. चेपाकला, सोनबरसा, आराहारा तथा सीकरी में नौकरी, मुआवजा एवं प्रदूषण समेत अन्य जन-समस्याओं को दूर करने की मांग पर ग्रामीण और रैयत आंदोलनरत हैं. शनिवार को सत्याग्रह के पांचवें दिन भी कंपनी के सभी तरह के कार्यों को बंद रखा गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2020 3:35 PM

बड़कागांव (संजय सागर) : हजारीबाग जिला के बड़कागांव में रैयतों का आंदोलन जारी है. बारिश के बीच भी रैयत अनिश्चितकालीन धरना पर अड़े हैं. चेपाकला, सोनबरसा, आराहारा तथा सीकरी में नौकरी, मुआवजा एवं प्रदूषण समेत अन्य जन-समस्याओं को दूर करने की मांग पर ग्रामीण और रैयत आंदोलनरत हैं. शनिवार को सत्याग्रह के पांचवें दिन भी कंपनी के सभी तरह के कार्यों को बंद रखा गया.

बड़कागांव प्रखंड के एनटीपीसी तथा त्रिवेणी सैनिक से प्रभावित गांव जुगरा, चेपा, सोनबरसा, सिंदवारी, नगड़ी, डाडी कला, चुरचू तथा सीकरी सहित दर्जनों गांवों के लोग कंपनी की कथित तानाशाहीपूर्ण रवैया से त्रस्त होकर नौकरी एवं मुआवजा देने तथा प्रदूषण दूर करने सहित 12 सूत्री मांग को लेकर अधिकार सत्याग्रह कर रहे हैं.

इधर, बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद ने कहा है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं. लेकिन, विकास के नाम पर क्षेत्र का विनाश नहीं देख सकते. कंपनी 12 मांगों पर गौर करने, त्रिपक्षीय वार्ता में शामिल होने की जगह बिचौलियों और लठैत के माध्यम से लोगों को डराने-धमकाने तथा मारपीट करने का कार्य किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि उनके विरोधी भी उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं. कुछ दिन पहले कंपनी के भारी वाहन की चपेट में आने से दो ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गये थे. उनको देखने के लिए वह पहुंचीं, तो महिलाओं ने बताया कि हर दिन भारी वाहन चलने की वजह से प्रदूषण फैल रहा है. बीमारियां हो रही हैं. रैयतों की जमीन पर कंपनी कब्जा कर रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि जब वे मुआवजे की बात करते हैं, तो कंपनी के लोग उनसे मार-पीट और गाली-गलौज करते हैं. यहां तक कि जान से मारने की भी धमकी दी जाती है. अंबा प्रसाद ने कहा कि कंपनी को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है. इसलिए कंपनी खुद को जनता से ऊपर नहीं समझे. अपने रवैया को बदले और जनता के दर्द को समझे.

विधायक ने कहा कि जिनकी जमीन का कंपनी ने अधिग्रहण किया है, उनको रोजगार देने की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कही थी. कंपनी उस पर अमल करे और जो लोग बेरोजगार हैं, उनके साथ त्रिपक्षीय वार्ता कर उनको नौकरी देना सुनिश्चित करें. साथ ही कहा कि पहले जिन लोगों को काम पर रखा गया है, उन्हें किसी भी तरह से प्रताड़ित न किया जाये. उन्हें नौकरी का प्रमाण पत्र दिया जाये.

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अंबा प्रसाद ने कहा कि कंपनी जब तक बाहरी लोगों को काम से नहीं हटायेगी, तब तक बड़कागांव की जनता का आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि विस्थापित प्रभावित अधिकार सत्याग्रह अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक विशाल टेंट बनाकर लोग आंदोलन कर रहे हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

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