Exclusive: देश की राजनीति के लिए होगा ऐतिहासिक चुनाव, दो विचारधाराओं के बीच की है लड़ाई- यशवंत सिन्हा

राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए की ओर से प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने प्रभात खबर से खास बातचीत की. श्री सिन्हा ने इस चुनाव को ऐतिहासिक बताया. कहा कि यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. श्री सिन्हा आगामी 27 जून को नॉमिनेशन करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2022 9:05 PM

Jharkhand News: राष्ट्रपति चुनाव, 2022 संयुक्त विपक्षी दल के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रपति देश के संविधान का कंस्टोडियन होता है. राष्ट्रपति चुनाव में दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. एक विचारधारा के नेता संविधान का गला घोटने पर तुले हैं. उनका मानना है कि भारत के राष्ट्रपति को अपने दिमांग से काम नहीं करना चाहिए. सरकार की बोली को पूरा करने के लिए केवल रबर स्टैंप के रूप में काम करना चाहिए. इससे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा नहीं हो पा रही है. इस बार राष्ट्रपति का चुनाव भारत की राजनीति के लिए काफी ऐतिहासिक होगा. विपक्षी दल एकजुट होकर चुनावी प्रक्रिया से संविधान, संसदीय लोकतंत्र, बाबा साहेब भीम राव अंबेदकर के सिद्धांतों को बचाएंगे. विपक्षी एकता यहीं नहीं रुकेगी. वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव में भी भाजपा और उसके विचारधारा का डटकर मुकाबला होगा. यशवंत सिन्हा ने प्रभात खबर से लंबी बातचीत की. प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश.

सवाल : भाजपा से द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी से मुकाबला संघर्षमय हो गया है.

जवाब : राष्ट्रपति का चुनाव किसी पहचान की लड़ाई के लिए नहीं हो रही है. यह व्यक्तियों की प्रतियोगिता नहीं है. द्रौपदी मुर्मू के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल थी. तब उनसे बातचीत हुई थी. मैं इस चुनाव में उनके अच्छे होने की कामना भी करता हूं. लेकिन, यह चुनाव दो विरोधी विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. विपक्षी दलों का प्रतिनिधित्व संवैधानिक मूल्यों, संसदीय लोकतंत्र, प्रजातंत्र की रक्षा करने के लिए खड़ा हूं. जिस तरह से देश के संवैधानिक संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है, उसे बचाने के लिए यह चुनाव है.

सवाल : आपकी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आपकी बातचीत हुई.

जवाब : पूर्व राष्ट्रपति स्व डॉ राजेंद्र प्रसाद के बाद बिहार और झारखंड को यह गौरव प्राप्त हुआ है. नीतीश कुमार से शीघ्र बातचीत करूंगा.

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सवाल : नामांकन के बाद देश के विभिन्न राज्यों के राजधानियों में प्रचार अभियान का मुख्य लक्ष्य क्या होगा.

जवाब : 27 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद राज्य की राजधानियों में जाकर अभियान की शुरुआत करूंगा. गैर भाजपा शासित राज्यों और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सांसद, विधायक से मिलेंगे. उनका समर्थन मांगेंगे. राष्ट्र की जनता जर्नादन का समर्थन और मार्गदर्शन भी लेता रहूंगा. विपक्षी एकता, संविधान के संघीय ढांचे पर हो रहे हमलों, राज्य सरकारों से उनके वैध, अधिकारों और शक्तियों को लूटने का जो प्रयास केंद्र सरकार कर रही है. लोकतांत्रित संस्थानों की स्वतंत्रता और अखंडता को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हथियार नहीं बनने दूंगा जैसे मुद्दों को अपने अभियान में शामिल करूंगा.

सवाल : महाराष्ट्र में जो राजनीतिक अस्थिरता आयी है इसका राष्ट्रपति चुनाव से संबंध है.

जवाब : भाजपा इसे ऑपरेशन कमल का नाम देती है. जनादेश के खिलाफ कार्य किया जा रहा है. भारतीय लोकतंत्र की आत्मा को मार रहा है. चुनाव में लोगों के जनादेश का मजाक उड़ा रहा है. केंद्र सरकार धनशक्ति संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर खरीद-फरोख्त को बढ़ाव दे रही है. इसे हमलोगों ने कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गोवा और पूर्वोतर के राज्यों में देखा है. हमारी बातों को मानों नहीं तो अपनी शक्ति, धनबल से परेशान करेंगे. भाजपा का यह खेल काफी पुराना है. इससे विपक्षी एकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़नेवाला है.

सवाल : राष्ट्रपति चुनाव अभियान में देश की जनता और जनप्रतिनिधियों से क्या वादा करेंगे.

जवाब : मैं सभी जनप्रतिनिधियों और भारत की जनता को विश्वास दिलाता हूं. अगर मैं निर्वाचित हो जाता हूं, तो बिना किसी डर या पक्षपात के भारतीय संविधान के मूल्यों और मार्गदर्शक आदर्शों का ईमानदारी से पालन करूंगा. भारतीय संसद की महिमा सतावाद के ताकतों की हमलों से सुरक्षित रहे. भारत इस समय बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है. आमलोगों, किसानों, श्रमिकों, बेरोजगार युवकों महिलाओं और समाज के सभी हासिये के वर्गों के लिए आवाज उठाउंगा.

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यशवंत सिन्हा का हजारीबाग से गहरा लगाव

यशवंत सिन्हा राजनीति के क्षेत्र में आने के बाद हजारीबाग से पहला नाता जोड़ा. पहली बार राज्यसभा का सदस्य बनने के बाद हजारीबाग के विकास के कार्यों को शुरू किया, जो आज तक जारी है. हजारीबाग जैसे छोटे शहर में एलआईटी का मंडल कार्यालय से कार्यों का सिलसिला शुरू हुआ. हजारीबाग को पहली बार रेलवे आरक्षण टिकट काउंटर मिला. हजारीबाग में रेलवे लाइन योजना, नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर, साई सेंटर, कोनार पेयजल शहरी योजना, बैंकों के कई नये शाखाएं, एनएच फोन लेन समेत हर क्षेत्र में कार्य किया. राजनीतिक व कर्मभूमि के रूप में हजारीबाग को हमेशा फायदा हुआ.

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रिपोर्ट : सलाउद्दीन, हजारीबाग.

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