New Year 2021 : झारखंड के बरसो पानी में ताली बजाते ही होने लगती है बारिश, देखिए तस्वीरें

New Year 2021 : बड़कागांव (संजय सागर) : दुनिया का हैरतअंगेज स्थल है बरसो पानी. यहां बरसो पानी जोर से बोलते ही एवं ताली बजाते ही रिमझिम बारिश होने लगती है. नये साल में यहां की मनोरम वादियों में पिकनिक मनाने आ सकते हैं. यह स्थल हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर स्थित है. बड़कागांव की आंगो पंचायत के झिकझोर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2020 4:49 PM

New Year 2021: बड़कागांव (संजय सागर) : दुनिया का हैरतअंगेज स्थल है बरसो पानी. यहां बरसो पानी जोर से बोलते ही एवं ताली बजाते ही रिमझिम बारिश होने लगती है. नये साल में यहां की मनोरम वादियों में पिकनिक मनाने आ सकते हैं. यह स्थल हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर स्थित है. बड़कागांव की आंगो पंचायत के झिकझोर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है.

हजारीबाग जिले के बरसो पानी में नाग फन आकार का विशाल चट्टान है. इस चट्टान के नीचे जोर से बरसो पानी कहने एवं ताली बजाने से बारिश होने लगती है. ऐसी बारिश होने लगती है, जैसे बरसात में रिमझिम बारिश होती है. ऐसा हैरतअंगेज कारनामा देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं, जबकि इसके इर्द-गिर्द पानी का स्रोत नहीं है. यहां कई देशों के पर्यटक व वैज्ञानिक आ चुके हैं, लेकिन आज तक यह नहीं पता लग पाया है कि यहां ताली बजाने से बारिश क्यों होती है.

Also Read: New Year 2021 : लुभा रही हैं झारखंड के तिलैया डैम की हसीन वादियां, सैलानियों की भीड़ से नाविकों के खिले चेहरे

करणपुरा कॉलेज के प्रो सुरेश महतो एवं पूर्व पंचायत समिति सदस्य राजीव रंजन का कहना है कि बरसो पानी की आवाज लगाने एवं ताली बजाने से कंपन होती है. जिससे चट्टान से पानी बरसने लगता है. यहां की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां आने पर बारिश होने से ठंड का वातावरण हो जाता है. पानी बरसने के कारण बरसो पानी के नीचे झील बन गयी है. इस झील के चारों तरफ विभिन्न तरह के पेड़-पौधे हैं.

New year 2021 : झारखंड के बरसो पानी में ताली बजाते ही होने लगती है बारिश, देखिए तस्वीरें 2

वैसे तो हर रोज पर्यटकों का आगमन होता रहता है, लेकिन दिसंबर माह से लेकर फरवरी माह तक पिकनिक मनाने वालों की भीड़ बढ़ जाती है. बरसो पानी से 4किमी दूर दामोदर नदी है. यहां विभिन्न प्रकार की चट्टानें हैं, जो लोगों को आकर्षित करती हैं. यहां पर्यटकों के लिए भोजन बनाने के लिए पत्थरों के चूल्हे व लकड़ी की व्यवस्था है. इस स्थान के बगल में रहने का कोई साधन नहीं है, लेकिन बड़कागांव में चट्टी कुशवाहा एवं सूर्य मंदिर में कुशवाहा धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था है.

Also Read: Cyber Crime : सावधान ! सरकार मुफ्त में नहीं दे रही लैपटॉप, ऐसे मैसेज से रहें अलर्ट, झारखंड के डीजीपी ने की ये अपील

हजारीबाग बस स्टैंड से बड़कागांव पहुंचें. यहां से बादम रोड सांढ़ होते हुए शिंबाडीह स्कूल मोड़ से सोनपुरा, महूदी आंगो तक पहुंचें. यहां तक पक्की सड़क है. झिकझोर से कच्ची सड़क होते हुए बरसो पानी पहुंच सकते हैं. पर्यटन का दर्जा मिलने पर विभिन्न तरह की दुकानें व बाजार से रोजगार का सृजन हो सकता है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version