ग्रामीण अंधविश्वास में उलझे रहे, बेटियों ने मां को दी अंतिम विदाई
विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सिरंय पंचायत की घटना
हजारीबाग. जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सिरंय पंचायत में एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला. जब वृद्धा शनिचरी देवी के पार्थिव शरीर को कंधा देने से लेकर मुखाग्नि तक की अंतिम रस्में उनकी चार बेटियों अम्बिया, डालिया, मदनी और जमनी ने पूरी की. शनिचरी देवी के पति की पहले ही मौत हो चुकी है, वहीं इकलौते बेटे की भी 1995 में मौत हो गयी थी. एक ओर इन बेटियों ने समाज में साहस और जिम्मेदारी का परिचय दिया, वहीं दूसरी ओर गांव में अंधविश्वास की गहरी जड़ें भी उभरकर सामने आयी. यह घटना 27 नवंबर की है. इस अंधविश्वास को लेकर एक वीडियो वायरल है. ग्रामीण मान्यता के अनुसार शवयात्रा में शामिल होने वाले व्यक्ति धान कटाई में शामिल नहीं हो सकते हैं. वह तीन दिन का कर्म पूरा करने के बाद ही पुनः खेत में उतर सकते हैं. इसी अंधविश्वास के कारण गांव के लोगों ने शवयात्रा से दूरी बना ली. आज जब बेटा-बेटी की समानता पर समाज मुखर है और शिक्षा व जागरूकता की बातें की जाती हैं, तब ऐसी सोच समाज को पीछे ढकेलती है.
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