ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना सकती है मुनगा की खेती : फादर एल्फिज
एराउज संस्था ने किसानों को मुनगा खेती करने का दिया प्रशिक्षण
गुमला. चैनपुर प्रखंड के कातिंग में एराउज संस्था ने सोमवार को मुनगा (ड्रमस्टिक) की खेती पर एकदिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 100 किसानों ने भाग लिया. मौके पर एराउज के सहायक निदेशक फादर एल्फिज केरकेट्टा ने किसानों को मुनगा की खेती के महत्व तथा इसके स्वास्थ्य व आर्थिक लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुनगा की खेती न केवल पोषण के लिए उपयोगी है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना सकती है. खाली पड़े जमीन पर मुनगा की खेती करें. इससे जमीन का सदुपयोग होने के साथ ही आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन सकते हैं. संत जेवियर कॉलेज रांची के पूर्व प्राचार्य फादर नबोर लकड़ा ने बताया कि कृषि के माध्यम से भूमि को सर्वोत्तम उपयोग के बारे में जानकारी दी. साथ ही किसानों से खेती को रोजगार के रूप में एक मजबूत साधन बनाने के लिए प्रेरित किया. प्रशिक्षण सत्र में मुख्य तकनीकी विशेषज्ञ राजेश दास ने किसानों को वैज्ञानिक तरीके से मुनगा की खेती करने, जैविक खाद का प्रयोग, रोग नियंत्रण तथा बाजार से जोड़ने की प्रक्रिया की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शहरों में मुनगा की मांग लगातार बढ़ रही है. किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. प्रशिक्षण को सफल बनाने में बेरोनिका बिलुंग, नवीन होरो, अनानियास किड़ो, माइकल एक्का समेत अन्य ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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