भवन जर्जर, अधूरी पानी टंकी के नीचे चल रहा स्कूल

पालकोट प्रखंड के नवप्राथमिक विद्यालय पहाड़टोली की स्थिति बदहाल

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2025 11:03 PM

पालकोट. सरकारी स्कूलों के भवनों की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है. शिक्षा विभाग की लापरवाही व अधिकारियों की उदासीनता से बच्चों को जान जोखिम में डाल कर पढ़ाई करनी पड़ रही है. अधिकारी कार्यालयों में बैठ कर कागजी कार्रवाई तक सीमित हैं, जबकि जमीनी हकीकत से वे अनभिज्ञ बने हुए हैं. ऐसा ही एक गंभीर मामला पालकोट प्रखंड से सामने आया है. पालकोट प्रखंड की तापकारा पंचायत स्थित नवप्राथमिक विद्यालय पहाड़टोली का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. पुराने विद्यालय भवन की हालत इतनी खराब है कि उसकी दीवारें टूट-टूट कर गिर रही हैं और छत कभी भी ध्वस्त हो सकती है. मजबूरी में विद्यालय का संचालन अर्द्धनिर्मित पानी टंकी के नीचे किया जा रहा है, जो अपने आप में बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है. विद्यालय में कुल 35 बच्चे नामांकित हैं, जिनकी पढ़ाई दो शिक्षकों के भरोसे चल रही हैं. जर्जर भवन के कारण बच्चों को सुरक्षित वातावरण नहीं मिल रहा है. विद्यालय में पेयजल व शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. बरसात में स्थिति और भयावह हो जाती है, जब जर्जर छत से पानी टपकता है और बच्चे भीगते हुए पढ़ाई करने को मजबूर होते हैं. विद्यालय के प्रधान शिक्षक नुवास केरकेट्टा व सहायक पारा शिक्षक दीपेंद्र गोप ने बताया कि जर्जर भवन की स्थिति को लेकर शिक्षा विभाग को कई बार लिखित आवेदन दिया गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी. नया विद्यालय भवन निर्माणाधीन है, लेकिन ठेकेदार द्वारा अधूरा काम छोड़ दिये जाने से समस्या और गंभीर हो गयी है. आरोप है कि शिक्षा विभाग की मिलीभगत से ठेकेदार ने कार्य अधूरा छोड़ दिया. वहीं, विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक भी चिंतित हैं. अभिभावक बंधु सोरेंग व रोपना कुल्लू ने कहा कि जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजने में डर लगता है. कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाये, इसकी आशंका हर समय बनी रहती है. ग्रामीणों ने प्रशासन व शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द विद्यालय का नया भवन पूरा कराने और बच्चों को सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने की मांग की है.

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