गुमला के उग्रवाद प्रभावित बिलिंबिरा पंचायत में नहीं बनी सड़क और पुलिया, आधा दर्जन गांव प्रभावित

Jharkhand news, Gumla news : गुमला जिला अंतर्गत पालकोट प्रखंड के सुदूर उग्रवाद प्रभावित बिलिंबिरा पंचायत के आधा दर्जन से अधिक गांव बारिश के दिनों में टापू बन जाता है. इसमें गोईनधारा गांव के अलावा लवखमन, जामझरिया, चरका गोडी़, काटासारु, बिलिंगसिरी, रायटोली और बुकागडा गांव में आवागमन प्रभावित हो जाता है. इन गांवों में सड़क और चुटिया डुबा नदी पर पुलिया नहीं बनने से ग्रामीणों के सामने समस्या उत्पन्न हो जाती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2020 5:19 PM

Jharkhand news, Gumla news : गुमला : गुमला जिला अंतर्गत पालकोट प्रखंड के सुदूर उग्रवाद प्रभावित बिलिंबिरा पंचायत के आधा दर्जन से अधिक गांव बारिश के दिनों में टापू बन जाता है. इसमें गोईनधारा गांव के अलावा लवखमन, जामझरिया, चरका गोडी़, काटासारु, बिलिंगसिरी, रायटोली और बुकागडा गांव में आवागमन प्रभावित हो जाता है. इन गांवों में सड़क और चुटिया डुबा नदी पर पुलिया नहीं बनने से ग्रामीणों के सामने समस्या उत्पन्न हो जाती है.

ग्रामीणों के मुताबिक, गांव के चुटिया डुबा नदी पर पुलिया नहीं होने के कारण करीब 2000 की आबादी बारिश के दिनों में प्रभावित हो जाती है. बारिश के दिनों में प्रखंड मुख्यालय के साथ अन्य जगहों में आने- जाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

लवखमन गांव के गणेश सिंह कहते हैं कि पूरे बारिश के मौसम में हम अन्य गांवों से कट जाते हैं. अगर गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाये, तो अस्पताल ले जाने में भी सोचना पड़ जाता है. गोईनधारा के समाजसेवी केशवर सिंह कहते हैं कि चुटिया डुबा नदी में पुलिया बन जाने से पालकोट प्रखंड के साथ- साथ अन्य जगहों में आने- जाने में सुविधा मिलती.

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केराटोली के भवनाथ सिंह का कहना है कि चुटिया डुबा नदी पर पुलिया बनने से शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं भी ग्रामीणों को नसीब होती, लेकिन इस ओर आज तक किसी का ध्यान गया ही नहीं. जामझरिया के निर्मल सिंह का कहना है कि चुटिया डुबा नदी पर पुलिया बनने से पालकोट और रायडीह प्रखंड की दूरी कम हो जाती. इससे ग्रामीणों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती.

बिलिंगसिरी के देवपाल खड़िया कहते हैं कि सड़क और पुल बनने का काम संवेदक द्वारा हो रहा है था, लेकिन नक्सलियों द्वारा लेवी नहीं देने के कारण सड़क कार्य में लगी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. इसके कारण आज तक काम बाधित है.

उन्होंने कहा कि प्रशासन पहल करे, तो सड़क और पुलिया बन जाता और आधा दर्जनों से अधिक गांव के लोगों को राहत मिलती. आज भी ग्रामीण इस उम्मीद में हैं कि सड़क और पुलिया का निर्माण होगा और वे भी अन्य ग्रामीणों की भांति सरकारी सुविधा का लाभ उठा पायेंगे.

Posted By : Samir ranjan.

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