दिल्ली में करीब सवा लाख में बिकी गुमला की कोरवा जनजाति की एक बेटी की पढ़ें दास्तान, अब वापस लाने की हो रही कोशिश

Jharkhand Crime News (गुमला) : गरीबी और लाचारी का फायदा उठाकर कोरवा जनजाति की युवती सुशीला कोरवा को दो मानव तस्करों ने दिल्ली में एक लाख 20 हजार रुपये में बेच दिया था. एक साल से उसे एक ही कमरे में रखा गया था. उसे घर से निकलने भी नहीं दिया जाता था. वह बंधुवा मजदूर की तरह जी रही थी. घर से नहीं निकलने के कारण वह मानसिक रोगी बनते जा रही थी. एक माह पहले वह किसी प्रकार हिम्मत जुटायी और वह घर से भाग निकली. घर से भागने में उसकी एक सहेली ने मदद की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2021 5:21 PM

Jharkhand Crime News (गुमला), रिपोर्ट- दुर्जय पासवान : गरीबी और लाचारी का फायदा उठाकर कोरवा जनजाति की युवती सुशीला कोरवा को दो मानव तस्करों ने दिल्ली में एक लाख 20 हजार रुपये में बेच दिया था. एक साल से उसे एक ही कमरे में रखा गया था. उसे घर से निकलने भी नहीं दिया जाता था. वह बंधुवा मजदूर की तरह जी रही थी. घर से नहीं निकलने के कारण वह मानसिक रोगी बनते जा रही थी. एक माह पहले वह किसी प्रकार हिम्मत जुटायी और वह घर से भाग निकली. घर से भागने में उसकी एक सहेली ने मदद की.

घर से भागने के बाद सड़कों पर भटकने के दौरान एक समाजसेवी ने पीड़िता को रैन बसेरा सेक्टर नंबर-3 ले गया. जहां अभी वह सुरक्षित है. मंगलवार (30 मार्च, 2021) को CWC सदस्य संजय भगत ने रैन बसेरा के वार्डेन के मोबाइल पर संपर्क कर पीड़िता से बात की. उसने वापस घर आने के साथ अपने माता- पिता से मिलना चाहती है. इधर, दिल्ली की संस्था शक्तिवाहिनी से संपर्क किया गया है. युवती को गुमला लाने के लिए कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है.

पीड़िता ने सुनायी अपबीती

मानव तस्कर के चंगुल से फरार पीड़िता गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के झलकापाठ गांव की रहने वाली है. उसके माता- पिता काफी गरीब हैं. मजदूरी कर जीविका चल रही है. पिता ईंट भट्ठे में काम करने दूसरे राज्य गये हैं. मां एवं बहन घर पर है. एक साल पहले पीड़िता अपनी नानी के घर सेन्हा प्रखंड के चूल्हामाटी गांव गयी थी. जहां घाघरा प्रखंड की मानव तस्कर संगीता से मुलाकात हुई. पीड़िता ने घर की स्थिति की जानकारी दी, तो संगीता अपने दोस्त जीतेंद्र कुमार से मिलकर प्लान बनाये. इसके बाद पीड़िता को दिल्ली में ले जाकर बेच दिया गया.

Also Read: Coronavirus Update News : एक साल पहले 31 मार्च को झारखंड में मिला था कोरोना का पहला मामला, एक साल बाद मार्च महीने में फिर पकड़ी रफ्तार

जिस घर में उसे काम के लिए बेचा गया था. उस घर के मालिक से मानव तस्करों ने प्रति माह 10 हजार रुपये के हिसाब से एक साल के एक लाख 20 हजार रुपये ले लिये थे. पीड़िता ने कहा कि उसे घर के अंदर रखा जाता था. काम करने के बाद एक कमरे में भेज दिया जाता था. जहां वह अकेले गुमशुम रहती थी. एक साल काम की. लेकिन, उसे एक पैसा तक नहीं मिला. सारा पैसा तस्कर ले लिये.

पीड़िता को जल्द गुमला लाया जायेगा : संजय

CWC, गुमला के सदस्य संजय भगत ने कहा कि पीड़िता का घर और परिवार का पता चल गया है. पीड़िता गुमला आना चाहती है. फोन से बात भी हुई है. जिस समय उसे दिल्ली ले जाया गया था. उसकी उम्र 17 साल थी. अब 18 साल से अधिक हो गया है. शक्तिवाहिनी दिल्ली से संपर्क किया जा रहा है, ताकि पीड़िता को गुमला लाया जा सके. वह एक साल से अपने माता- पिता से नहीं मिली है और ना ही देखी है. पीड़िता को गुमला लाने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

महीनों तक पीड़िता ने किसी से बात नहीं की थी

रैन बसेरा, दिल्ली की वार्डेन ने कहा कि जब पीड़िता को हमारे संस्थान में लाया गया था उस समय वह मानसिक रोगी जैसा दिख रही थी. वह महीनों तक किसी से बात नहीं की. अपने में ही गुम रहती थी. एक साल के बाद मंगलवार को वह CWC, गुमला के सदस्य से खुलकर बात की है.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version