नवरत्नगढ़ की खुदाई से और मिले खुफिया भवन, जमीन के अंदर मिले नक्काशीदार खिड़की और दरवाजे, देखें Pics

jharkhand news: विश्व धरोहर गुमला के नवरत्नगढ़ की खुदाई में एक और खुफिया भवन मिला है. इसके पहले भी खुदाई में एक खुफिया भवन मिले थे. इसके अलावा नक्काशीदार खिड़की और दरवाजे भी मिले हैं. अब इस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2022 10:04 PM

Jharkhand news: गुमला से 30 किमी दूर सिसई प्रखंड के नगर गांव स्थित प्राचीन धरोहर नवरत्नगढ़ की खुदाई जारी है. शुक्रवार को खुदाई से जमीन के अंदर एक और खुफिया भवन मिला है. 15 दिन पहले एक खुफिया भवन मिला था. उसी भवन में दोबारा खुदाई की गयी, तो सुरंग की तरह एक और रास्ता मिला. उस रास्ता को खोदा गया, तो अंदर एक खुफिया भवन मिला है. इस खुफिया भवन के दरवाजा व खिड़कियों की नक्काशी प्राचीनकालीन है. जिसे वर्तमान में बनाया नहीं जा सकता है.

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खुदाई से परत-दर-परत कई रहस्य से पर्दा उठते नजर आ रहा है. पुरातत्व विभाग, रांची के वैज्ञानिकों की देखरेख में खुदाई की जा रही है. खुदाई के बाद जमीन के अंदर मिले खुफिया भवन के बाद यहां की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है, ताकि खुदाई में किसी प्रकार की परेशानी औा खलल न पड़े. हालांकि खुदाई से लगातार मिल रहे खुफिया भवन से अभी और रहस्यों से पर्दा उठने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि जमीन के अंदर मिल रहे खुफिया भवन बाहरी आक्रमणों से बचने के लिए बनाया गया होगा.

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दामोदर सिंह ने कहा

नगर गांव के समाजसेवी दामोदर सिंह ने कहा कि एक माह पहले खुदाई में शुरू में जमीन के एक खुफिया भवन मिला था. जब उसकी खुदाई की गयी, तो उस खुफिया भवन में एक और दरवाजा मिला. जिसकी खुदाई करने पर अंदर सुरंग मिला. जब उस सुरंग को खोदा गया, तो उसमें एक और खुफिया भवन मिला है. खुफिया भवन के अंदर बेहतरीन नक्काशीदार खिड़की व दरवाजा मिला है. उन्होंने बताया कि संभवत: खुदाई से अभी और कुछ मिलने की उम्मीद है. कुछ स्थानों पर अभी खुदाई और किया जाना है.

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विश्व धरोहर में शामिल है नवरत्नगढ़

नवरत्न गढ़, जिसे डोइसागढ़ भी कहते हैं. यह विश्व धरोहर है. आज इसका नाम वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है. डोइसागढ़, नवरत्नगढ़, रानी लुकई, कमल सरोवर, कपीलनाथ मंदिर, भैरव मंदिर है. यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं का धरोहर है. मुगल सम्राज्य के आक्रमण से बचने के लिए राजा दुर्जनशाल ने नगर को राजधानी बनायी थी और नवरत्नगढ़ की स्थापना किया था.

आज के इस हाईटेक युग से हजारों वर्ष पुरानी कहानी है. डोइसागढ़ जो आज नगर गांव के नाम से जाना जाता है. यहां पांच मंजिला वर्गाकार इमारत, 33 इंच मोटी दीवार, रानी वास, कचहरी घर, कमल सरोवर, रानी लुकईयर का भुलभुलैया, गुप्त कमरा, गुबंद का भीतरी भाग में पशु चित्र, घोड़ा, सिंहों से उत्कीर्ण परिपूर्ण आकृति, चारों कोनों पर शीर्ष गुबंदनुमा स्तंभों पर बड़े बड़े नाग लिपटे, जगन्नाथ मंदिर, भैरव मंदिर, कपिलनाथ मंदिर, मंदिर के गर्भगृह में बड़े आकार की मूर्ति, धोबी मठ है. पुरातत्व विभाग इन सभी के रहस्य से पर्दा उठाने में लगा हुआ है.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.

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