गुमला जिला मकई की खेती में आगे तो धान की खेती में लक्ष्य के करीब

जिसका परिणाम है कि जिले में 1.88 लाख हेक्टेयर धान आच्छादन के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक लगभग 1.20 लाख हेक्टेयर में धान का आच्छादन हो चुका है. जिसमें लगभग 35 हजार हेक्टेयर में छींटा विधि एवं शेष में रोपा विधि से खेती हुई है.

By Prabhat Khabar | July 27, 2021 1:04 PM

गुमला : गुमला जिला में खरीफ फसलों के आच्छादन की स्थिति काफी अच्छी है. फसलों के आच्छादन की स्थिति अच्छी होने का मुख्य कारण यह है कि जिले में बारिश पर्याप्त मात्रा में हुई है. अच्छी खेती-बारी के लिए पूरे जुलाई माह तक 299.7 मिमी सामान्य वर्षा की जरूरत पड़ती है. जिसमें अब तक 140 से 145 मिमी सामान्य वर्षा हो चुकी है. परंतु जिले में मॉनसून आगमन के पहले से बारिश हो रही है.

जिसका परिणाम है कि जिले में 1.88 लाख हेक्टेयर धान आच्छादन के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध अब तक लगभग 1.20 लाख हेक्टेयर में धान का आच्छादन हो चुका है. जिसमें लगभग 35 हजार हेक्टेयर में छींटा विधि एवं शेष में रोपा विधि से खेती हुई है. इसी प्रकार खरीफ के अन्य फसलों में मक्का का 81 हजार हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य भी पूरा हो चुका है.

वहीं मड़ुआ 1600 हेक्टेयर के विरुद्ध 446, अरहर 16000 के विरुद्ध 3754, उरद आठ हजार के विरुद्ध 2240, मूंगफली पांच हजार के विरुद्ध 4846 हेक्टेयर में खेती हो चुका है. वहीं किसान अब ज्वार, बाजरा, मूंग, कुल्थी, तिल, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा व अरंडी जैसे फसलों की खेती की तैयारी के लिए भी खेती तैयार करने में लग गये हैं. यदि बारिश की स्थिति अच्छी रही तो जिले में खरीफ फसलों का आच्छादन शत-प्रतिशत रहेगा.

कृषि विभाग की किसानों से अपील

जिला कृषि विभाग गुमला ने जिले में धान की खेती करने वाले किसानों से जुलाई माह के अंत तक धान की खेती पूरी करने की अपील की है. विभाग के अनुसार धान का फसल 120 से 130 दिनों के अंदर पूरी तरह से तैयार हो जाता है. यदि जुलाई माह के बाद धान लगाया गया तो उसमें अनाज नहीं आयेगा. फसल में अनाज तैयार होने में समय लगता है. समय गुजरने के बाद यदि धान की खेती करते हैं तो उसमें अनाज नहीं बन पायेगा.

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