गुमला शहर के श्मशान घाट के करीब बनेगी गोशाला, लावारिस पशुओं को मिलेगा आश्रय

गुमला शहर के पालकोट रोड स्थित श्मशान घाट में गोशाला का निर्माण होगा. शहर में घूमने वाले लावारिस पशुओं को गोशाला में रखा जायेगा. उनकी परवरिश की जायेगी. राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार की पहल पर गोशाला बन रही है.

By Prabhat Khabar | November 23, 2021 1:20 PM

गुमला : गुमला शहर के पालकोट रोड स्थित श्मशान घाट में गोशाला का निर्माण होगा. शहर में घूमने वाले लावारिस पशुओं को गोशाला में रखा जायेगा. उनकी परवरिश की जायेगी. राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार की पहल पर गोशाला बन रही है. जिसका कार्य एक सप्ताह के अंदर शुरू होगा. सोमवार को एनआरइपी के इंजीनियर तारिक अजीज व समाजसेवी अमित पोद्दार ने श्मशान घाट का अवलोकन कर गोशाला निर्माण के लिए जमीन चिन्हित की.

गोशाला 90 फीट चौड़ा व 35 फीट लंबी जगह में बनेगी. यहां बताते चलें कि राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार द्वारा 13 लाख 25 हजार की लागत से गोशाला का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें शहर में लावारिस स्थिति में घूमती गायों को रखा जायेगा. जहां उसके रखने, खाने व उसकी साफ सफाई की व्यवस्था होगी.

इस संबंध में इंजीनियर तारिक अजीज ने बताया कि इस्टीमिट बन रहा है शीघ्र ही कार्य शुरू होगा. लेकिन जमीन का स्पेस के हिसाब से महज 40 गाय को ही रखा जा सकता है. अगर मवेशियों की संख्या बढ़ेगी, तो कहीं अन्यत्र और गोशाला का निर्माण कराना होगा. वर्तमान में लोहा चदरा से शेड का निर्माण किया जा रहा है.

गोशाला में 40 गायों को रखा जायेगा :

अमित पोद्दार : राज्यसभा के प्रतिनिधि अमित पोद्दार ने कहा कि गोशाला का निर्माण होने पर वहां 40 गायों को रखा जायेगा. गुमला शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर लावारिस हालत में सैकड़ों गाय घूमती रहती है. कभी कभी बड़ी वाहनों की चपेट में आने से घायल भी होती है या फिर मौत भी हो जाती है. इस निमित्त उनके रख-रखाव के लिए राज्यसभा सांसद की पहल पर गोशाला का निर्माण किया जा रहा है. उसकी देखरेख के लिए श्मशान घाट सह गोशाला कमेटी का गठन भी किया जायेगा.

उन्होंने गायों के खाने के संबंध में बताया कि 500 डब्बा बनवा कर व्यापारिक प्रतिष्ठानों में वितरण किया जायेगा. उनके माध्यम से प्रत्येक दिन गायों के खाने के लिए व्यवस्था की जायेगी. गाय के गोबर व अगर कोई गाय दूध देगी, तो उसके दूध व गोबर की बिक्री कर उसका एक खाता संचालन किया जायेगा. जिसका खर्च गोशाला के उपयोग के लिए किया जायेगा. उन्होंने बताया कि गाय की सेवा के लिए कमेटी गठन कर बाहर से एक व्यक्ति को रखा जायेगा. जिसके माध्यम से उसकी देखरेख की जायेगी. उसे कमेटी द्वारा मानदेय भी दिया जायेगा.

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