शहीद संतोष गोप की स्मृति में रेजांगला शौर्य दिवस मना
शहीद संतोष गोप की स्मृति में रेजांगला शौर्य दिवस मना
गुमला. गुमला यादव समाज ने बुधवार शहीद संतोष गोप की स्मृति में टैसेरा मोड़ के पास रेजांगला शौर्य दिवस मनाया. मौके पर शहीद की प्रतिमा पर समाज के लोगों ने माल्यार्पण किया. जिला युवा अध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि रेजांगला का युद्ध 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान हुआ था, जिसमें 13 कुमाऊ रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के 120 अहीर सैनिकों ने मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में हजारों चीनी सैनिकों से लड़ाई की थी. इस युद्ध में 114 वीर अहीर सैनिक शहीद हुए थे. जबकि उन्होंने लगभग 1300 चीनी सैनिकों को मार गिराया था. यह युद्ध अपनी बहादुरी, अंतिम गोली और अंतिम व्यक्ति तक लड़ने के संकल्प के लिए जाना जाता है. रेजांगला युद्ध की गाथा यह युद्ध 18 नवंबर 1962 को लद्दाख के रेजांगला दर्रे पर हुआ था. मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व वाली चार्ली कंपनी में अधिकांश हरियाणा के अहीर समुदाय से थे. दुश्मन की ओर से 5000 से 6000 चीनी सैनिक थे. भारतीय सैनिकों के पास पुराने हथियार थे, जबकि चीनी सेना के पास आधुनिक हथियार थे. इसके अलावा वे कड़ाके की ठंड और ऊंचाई पर लड़ रहे थे. युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया था. जब गोलियां खत्म हो गयी, तो उन्होंने लाठियों का इस्तेमाल किया था. भारत सरकार ने चार्ली कंपनी की वीरता को देखते हुए इसका नाम बदलकर रेजांगला कंपनी कर दिया. अध्यक्ष ने कहा कि अहीर रेजिमेंट की स्थापना हो. मौके पर जिलाध्यक्ष शिव दयाल गोप ने रेजांगला युद्ध पर आधारित 120 बहादुर फिल्म का विरोध किया, जो फरहान अख्तर द्वारा निर्मित की गयी है. जो फिल्म का नाम बदलकर 120 वीर अहीर करने की मांग और फिल्म में अहीर सैनिकों की सामूहिक वीरता को उचित सम्मान देने की मांग की. मौके पर प्रो भूषण महतो, शिव दयाल गोप, आशीष यादव, संजय गोप टाइगर, अशोक यादव, तीरथ यादव, विक्रम यादव, बसंत गोप, रमेश कृष्ण गोप, प्रेम गोप, विजेंद्र गोप आदि मौजूद थे.
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