बॉक्स:::::: पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप समेत 15 पर प्राथमिकी

टिटही जंगल से पुलिस को पीएलएफआइ का गन फैक्टरी मिला थानौ उग्रवादियों के खिलाफ नामजद व छह अज्ञात पर प्राथमिकी दर्जथाना प्रभारी चक्रवर्ती राम ने प्राथमिकी दर्ज करायी हैप्रतिनिधि, गुमलाकामडारा थाना के टिटही जंगल की गुफा से मिले पीएलएफआइ के गन फैक्टरी मामले में पुलिस ने 15 उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 18, 2014 8:00 PM

टिटही जंगल से पुलिस को पीएलएफआइ का गन फैक्टरी मिला थानौ उग्रवादियों के खिलाफ नामजद व छह अज्ञात पर प्राथमिकी दर्जथाना प्रभारी चक्रवर्ती राम ने प्राथमिकी दर्ज करायी हैप्रतिनिधि, गुमलाकामडारा थाना के टिटही जंगल की गुफा से मिले पीएलएफआइ के गन फैक्टरी मामले में पुलिस ने 15 उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें सुप्रीमो दिनेश गोप समेत नौ के खिलाफ नामजद और छह अज्ञात उग्रवादियों पर मामला दर्ज किया गया है. सभी पर कामडारा थाना प्रभारी चक्रवर्ती राम ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप, कमांडर मार्टिन केरकेट्टा, गज्जू गोप, जलेश्वर गोप, प्रकाश भूइयां, राजीव प्रधान, राकेश वोदरा, पतरस गुडि़या, राजेश मुंडा व छह अन्य उग्रवादी हैं. यहां बता दें कि गुमला जिले के कामडारा व खूंटी जिला के रनिया व तोरपा थाना की पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चला कर टिटही जंगल के गुफा से पीएलएफआइ के गन फैक्टरी को खोजा था. यहां से भारी मात्रा में हथियार व हथियार बनाने की मशीन मिली थी. दो बाइक भी मिला था. पुलिस के अनुसार गुप्त सूचना पर जब पुलिस वहां पहुंच रही थी, तो दूर से ही देख कर कुछ उग्रवादी भाग निकले थे. इसलिए गन फैक्टरी से किसी से गिरफ्तारी नहीं हुई थी. लेकिन पुलिस की इस सफलता से पीएलएफआइ को भारी झटका लगा है. क्योंकि कामडारा, बसिया, रनिया, तोरपा क्षेत्र में लगातार पुलिस पीएलएफआइ पर भारी पड़ता रहा है. पुलिस की कार्रवाई से इन चारों थाना क्षेत्र में पीएलएफआइ बैकफुट पर चला गया है. पहले ही पुलिस ने कई कमांडर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. कुछ लोग बचे हैं, तो वे पुलिस से छिपते नजर आ रहे हैं. हालांकि दिनेश गोप इस क्षेत्र में दोबारा पीएलएफआइ को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है. लेकिन पुलिस अब उसे पैर जमाने नहीं दे रही है. पुलिस को हर अभियान में मिली है सफलताचक्रवर्ती राम जब से कामडारा के थाना प्रभारी बने हैं. वे लगातार उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चला कर पीएलएफआइ को नुकसान पहुंचाते रहे हैं. उनका खुफिया तंत्र भी काफी मजबूत है. इस कारण अब तक के सारे अभियान में पुलिस को सफलता मिली है. बसिया अनुमंडल के एसडीपीओ एजरा वोदरा भी इस क्षेत्र से वाकिफ हैं. जिसका नतीजा है कि उनके नेतृत्व में चलाये गये अभियान में कई हार्डकोर उग्रवादी पुलिस गिरफ्त में आये हैं और अभी वे जेल के सलाखों के पीछे हैं.

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