प्रभात खबर ने खोज निकाला मासूम बली का घर

गुमला : मां, पिता व दादी हैं. इसके बाद भी मासूम बली उरांव (7 वर्ष) अनाथों की तरह जी रहा है. डेढ़ साल पहले जब पिता बुधराम उरांव ने अपने बेटे बली को चाइल्ड लाइन में छोड़ कर भाग गया था, तब से बली गुमला के खुशमारना बालगृह लुथेरान में रह रहा है. हालांकि बालगृह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2019 1:46 AM

गुमला : मां, पिता व दादी हैं. इसके बाद भी मासूम बली उरांव (7 वर्ष) अनाथों की तरह जी रहा है. डेढ़ साल पहले जब पिता बुधराम उरांव ने अपने बेटे बली को चाइल्ड लाइन में छोड़ कर भाग गया था, तब से बली गुमला के खुशमारना बालगृह लुथेरान में रह रहा है. हालांकि बालगृह के अन्य बच्चों के साथ बली इतना घुल मिल गया है कि अब उसे अपने माता, पिता व दादी के नहीं मिलने का कोई चिंता नहीं है. वह नये घर व दोस्तों के साथ खुश है.

ज्ञात हो कि बली को जब चाइल्ड लाइन ने गुमला सीडब्ल्यूसी को सौंपा था, तब उसके पिता कौन है, इसका पता नहीं चला था. प्रभात खबर ने छह जुलाई को बली का अपने परिवार से बिछुड़ने से संबंधित खबर प्रकाशित की थी. प्रभात खबर ने अपने स्तर से बली के परिवार की खोज शुरू की. किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अलख नारायण सिंह की पहल पर प्रभात खबर ने बली के घर को खोज निकाला. बली का पैतृक घर पालकोट प्रखंड के गोबरसिल्ली गांव है.
पिता का नाम बुधराम उरांव है. प्रभात खबर की पड़ताल में पता चला कि बुधराम अरंगी बाड़ोटोली गांव की एक युवती के साथ ईंट भट्ठा में मजदूरी करता था. इसी दौरान उसने युवती से शादी कर ली. इनसे एक बेटा बली हुआ. बेटे को लेकर ये लोग दूसरे राज्य से अपने गांव आ गये, लेकिन इसी बीच बुधराम पुन: मजदूरी करने दिल्ली चला गया. इधर, पति के दिल्ली जाने के बाद उसकी पत्नी अपने मायके चली गयी. जाते-जाते वह अपने बेटे को दादी हिंदिया उराइन के पास छोड़ दी.
दादी हिंदिया ने बताया कि मायके जाने के बाद उसकी बहू ने दूसरी शादी कर ली. जब इस बात की जानकारी मेरे बेटे बुधराम को हुई, तो वह दिल्ली से घर वापस आ गया. मासूम बली की परवरिश की चिंता थी, इसलिए मेरे बेटे ने बली को चाइल्ड लाइन के दरवाजे में ले जाकर छोड़ दिया. इधर, बुधराम ने पुन: रायडीह प्रखंड की एक लड़की से शादी कर ली. अभी एक माह पहले बुधराम मजदूरी करने गोवा गया है. दादी ने बताया कि मुझे पता चला कि मेरा पोता गुमला के बालगृह में है, तो मैं उससे मिलना चाहती हूं.
लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि उसकी परवरिश कर सकूं. उसने कहा कि उसका बेटा बुधराम गोवा से आयेगा, तो गुमला जाकर अपने पोते को घर लाऊंगी. वहीं बुधराम की दूसरी पत्नी मनीता उराइन ने कहा है कि बली भी उसका बेटा है. परंतु हमलोग अभी गरीबी में जी रहे हैं, इसलिए उसे देखने नहीं गये हैं. मेरे पति गोवा से आते हैं, तो गुमला जाकर बली को घर वापस लायेंगे. उसने कहा कि वह बली को अपना बेटा समझ कर परवरिश करेगी.

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