राजमहल कोल परियोजना का ऊर्जा नगर अस्पताल बदहाल
यूनियन नेता रामजी साह ने की व्यवस्था सुधारने की मांग
राजमहल कोल परियोजना अंतर्गत ऊर्जा नगर अस्पताल की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गयी है. यह अस्पताल अब केवल परियोजना कर्मियों की मेडिकल फिटनेस और अनफिट प्रमाण पत्र जारी करने तक ही सीमित रह गया है. इलाज, दवा और जांच की कोई व्यवस्था अस्पताल में मौजूद नहीं है. एटक यूनियन के एरिया सचिव रामजी साह ने बताया कि परियोजना में करीब 3,000 स्थायी व ठेका कर्मी कार्यरत हैं. लेकिन यदि कोई कर्मचारी बीमार पड़ता है तो अस्पताल में न तो दवा मिलती है, न जांच की सुविधा और न ही डॉक्टर द्वारा इलाज किया जाता है. ऐसे में मरीजों को बाहर रेफर कर देना ही एकमात्र विकल्प बन चुका है. अस्पताल की दुर्दशा इस कदर है कि मेडिकल स्टोर पूरी तरह खाली है. एक्स-रे सहित सभी प्रमुख जांच मशीनें खराब पड़ी हैं. न तो इमरजेंसी व्यवस्था है, न कोई दवा उपलब्ध है. रामजी साह ने बताया कि प्रबंधन स्वास्थ्य सुविधा देने में पूरी तरह विफल रहा है. यहां तक कि क्षेत्रीय रैयतों को भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि एक समय अदाणी प्रबंधन ने मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से गोड्डा जिले के 40 गांवों में निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान की थी, जिससे हजारों ग्रामीण लाभान्वित हुए थे. लेकिन प्रबंधन की गलत नीतियों के चलते यह सेवा भी बंद कर दी गयी. यूनियन नेता ने ऊर्जा नगर अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने, दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और मोबाइल मेडिकल वैन सेवा को पुनः शुरू करने की मांग की है, ताकि कर्मचारियों के साथ-साथ ग्रामीण रैयतों को भी प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. यदि प्रबंधन ने जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाये, तो यूनियन आंदोलन की राह अपना सकती है.
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