छह साल में चकाचक से खंडहर बना डाक बंगला
24 लाख की लागत से बना था भवन, अब बन गया भूत बंगला, सभी दरवाजे टूटे
पोड़ैयाहाट प्रखंड क्षेत्र के धेनुकट्टा पंचायत अंतर्गत घाघराबांध में बना डाक बंगला प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होकर आज भूत बंगले में तब्दील हो चुका है. महज छह वर्ष पूर्व तत्कालीन जिला परिषद सदस्य सिमोन मरांडी के प्रयास से जिला परिषद फंड से 24 लाख रुपये की लागत से इसका निर्माण कराया गया था, लेकिन आज तक इसका उपयोग किसी कार्य में नहीं हुआ. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस डाक बंगला का ना तो किसी ग्रामीण सभा में उपयोग हुआ, ना ही किसी अधिकारी या अतिथि ने यहां कभी ठहरने की जरूरत समझी. अब इसकी स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि खिड़कियां और दरवाजे टूट चुके हैं. शौचालय क्षतिग्रस्त हो गये हैं और पूरे भवन पर जंगल व गंदगी का कब्जा हो गया है.
सरकारी राशि का खुला दुरुपयोग
ग्रामीणों का कहना है कि यह भवन सरकारी राशि के दुरुपयोग की जीती-जागती मिसाल है. जो भवन पांच साल पहले नया और उपयोगी दिखता था, वह अब जर्जर और बेकार हो चुका है. प्रशासन की अनदेखी और रखरखाव के अभाव में यह भवन बिल्कुल अनुपयोगी हो गया है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस डाक बंगले का पुर्नउद्धार कर इसे आम उपयोग के लिए चालू किया जाये, ताकि सरकारी संसाधनों का सही इस्तेमाल हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
