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आदिवासी व सरना धर्म कोड की मांग को लेकर झामुमो का प्रदर्शन शुक्रवार को

धार्मिक पहचान बनाये रखने के लिए सरना धर्म कोड लागू करना निहायत जरूरी

By SANJEET KUMAR | May 7, 2025 11:48 PM
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झामुमो जिला इकाई द्वारा शुक्रवार को अशोक स्तंभ परिसर में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा. बुधवार को इस बाबत स्थानीय किसान भवन में झामुमो नेताओं की बैठक बुलायी गयी, जिसमें जिला समिति के पदाधिकारियों, केंद्रीय समिति के सदस्यों और गोड्डा जिले के सभी प्रखंडों के अध्यक्ष एवं सचिवों ने भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रेमनंदन कुमार ने की. बैठक में प्रेमनंदन कुमार ने बताया कि जब तक सरना धर्म कोड व आदिवासी धर्म कोड लागू नहीं किया जाता, तब तक झारखंड प्रदेश में जातिगत जनगणना नहीं करने दिया जाएगा. इससे संबंधित एक ज्ञापन डीसी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उक्त धरना कार्यक्रम में काफी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एवं समर्थक भाग लेंगे. जिला अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जनगणना में सभी धर्मों जैसे हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई का कोड रहता है, लेकिन आदिवासियों का अपना कोई धर्म कोड नहीं है. आदिवासी समाज सरना धर्म मानता है. इसलिए आदिवासियों की अलग धार्मिक पहचान बनाये रखने के लिए सरना धर्म कोड लागू करना निहायत जरूरी है. बताया कि सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन द्वारा पांच वर्ष पहले झारखंड विधान से सरना धर्म कोड लागू करने के लिए विधेयक पास करा कर भेजने का काम किया है. जबकि अब तक भारत सरकार ने इस कानून को पास नहीं किया हैं. इसे बंद बस्ते में रखने का काम किया है. बैठक में मुख्य रूप से जिला सचिव वासुदेव सोरेन, जिला कोषाध्यक्ष महेंद्र उरांव, केंद्रीय समिति सदस्य राजेंद्र दास, पुष्पेंद्र टुडू, सिमोन मालतो, मेरी सोरेन, इंद्रजीत पंडित, श्रवण कुमार मंडल, अवध किशोर हांसदा, इरफान आलम, प्रखंड अध्यक्ष यूसुफ अंसारी, सुल्तान अहमद, विनोद मुर्मू, सुनील सोरेन, ताला बाबू हांसदा, शत्रुघ्न सिंह, अजीमुद्दीन, रामचंद्र मरांडी, लंबोदर महतो, राजकुमार दास, मोहम्मद आजाद, रामजी मुर्मू, तला टुडू, किंकर चौहान, सिकंदर अंसारी, लखी राम मरांडी, सुबल मुर्मू, फिरदौस आलम, सिकंदर अंसारी, दाऊद अंसारी, संतलाल मरांडी सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.

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