पितृपक्ष में पितरों की तृप्ति हेतु तर्पण आरंभ
कझिया नदी तट पर जुटे श्रद्धालु, पं. मृत्युंजय झा की अगुवाई में हुआ वैदिक अनुष्ठान
पितृपक्ष के अवसर पर जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में पितृ तर्पण कार्यक्रम का शुभारंभ श्रद्धा और भक्ति के साथ हो गया है. सोमवार से प्रारंभ हुए इस आयोजन में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए जलाशयों, नदियों, सरोवरों एवं घरों पर वैदिक विधि से तर्पण कर रहे हैं. यह अनुष्ठान पूरे 15 दिनों तक चलेगा. इसी क्रम में कझिया नदी के रौतारा घाट पर पं. मृत्युंजय झा की अगुआई में बड़ी संख्या में श्रद्धालु तर्पण करते नजर आये. नगर परिषद प्रशासन द्वारा घाट पर स्वच्छता एवं अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की गयी है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. पंचांग के अनुसार, श्राद्ध पक्ष इस वर्ष सात सितंबर (रविवार) से शुरू होकर 21 सितंबर (रविवार) तक चलेगा. इस अवधि में लोग अपने पितरों की तिथि अनुसार श्राद्ध कर्म करते हैं. पं. मृत्युंजय झा ने कहा कि वेदों में पितृ तर्पण का विशेष महत्व बताया गया है. यह श्रद्धा और कृतज्ञता का पर्व है, जो हमें पूर्वजों के प्रति अपने दायित्व की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि मनुष्य देवताओं के साथ-साथ अपने पितरों की आराधना से ही सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति कर सकता है. तर्पण करने वालों में सुनील कुमार झा, विनय ठाकुर, संजय कुमार, वीरेन्द्र कुमार सहित अनेक श्रद्धालु शामिल रहे.
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