स्ट्रीट लाइट योजना असफल, पथरगामा की गलियों में पांच साल से पसरा अंधेरा
स्ट्रीट लाइट योजना असफल, पथरगामा की गलियों में पांच साल से पसरा अंधेरा
प्रतिनिधि, पथरगामा. पथरगामा पंचायत को रोशन करने के उद्देश्य से पांच वर्ष पूर्व लगाए गए इलेक्ट्रिक एलईडी स्ट्रीट लाइट अब अंधेरे की वजह बन गए हैं. वर्ष 2020 में 14वें वित्त आयोग की राशि से तत्कालीन मुखिया हेमंत कुमार पंडित की पहल पर पंचायत के विभिन्न गली-मोहल्लों में लगाए गए ये स्ट्रीट लाइट बारी-बारी से मात्र पांच महीने में ही खराब होते चले गए. आज हालात यह हैं कि अधिकांश मोहल्लों में अंधेरा पसरा है और ग्रामीण टॉर्च की रोशनी में आवाजाही को मजबूर हैं. बालिका उच्च विद्यालय रोड जैसे मुख्य मार्ग पर लगा स्ट्रीट लाइट पिछले साढ़े चार वर्षों से बंद पड़ा है. स्थानीय निवासी श्रीधर गोपाल भगत, अमित विश्वकर्मा, प्रह्लाद विश्वकर्मा, राजू विश्वकर्मा और उमाशंकर विश्वकर्मा ने बताया कि स्ट्रीट लाइट खराब होने से मुहल्लों में अंधेरा छाया रहता है, जिससे खासकर बुजुर्गों को बड़ी परेशानी होती है. जानकारी के अनुसार, यह स्ट्रीट लाइट योजना ईईएसएल कंपनी के माध्यम से चलाई गई थी. कंपनी द्वारा पंचायत क्षेत्र में कुल 111 एलईडी लाइट लगाए गए थे, जिनमें से अधिकांश अब खराब हो चुके हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने न तो मरम्मत की कोई व्यवस्था की, न ही एक बार भी लाइटों का सही तरीके से मेंटेनेंस कराया. ग्रामीणों ने इसे सरकारी धन की खुली बर्बादी बताते हुए कहा कि पंचायतों में सैकड़ों की संख्या में बेकार स्ट्रीट लाइट लगाकर सरकार के खजाने को खाली कर दिया गया. लोगों ने प्रखंड प्रशासन से मांग की है कि स्ट्रीट लाइटों की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए और जिम्मेदार एजेंसी पर कार्रवाई की जाए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
