घंटों कराहता रहा मरीज, एंबुलेंस के इंतजार में निकल गयी मरीज की जान

राज्य सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा शुरू करके गरीब मरीजों की जान बचाने का इंतजाम किया है, लेकिन अमले की लापरवाही के चलते यहां एक रोगी की जान चली गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2020 1:57 AM

राज्य सरकार ने 108 एंबुलेंस सेवा शुरू करके गरीब मरीजों की जान बचाने का इंतजाम किया है, लेकिन अमले की लापरवाही के चलते यहां एक रोगी की जान चली गयी. इंतजार में वह दर्द से कराहता रहा, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. आखिरकार उसकी जान चली गयी. सर्दी-बुखार से पीड़ित युवक सांस लेने की तकलीफ से रातभर कराहता रहा. परिजन, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता सरकारी एंबुलेंस को फोन कर थक गये.

स्थानीय वाहन मालिक भी कोरोना के भय से अस्पताल ले जाने को तैयार नहीं हुए. अंततः 27 वर्षीय युवक ने रविवार की सुबह में दम तोड़ दिया. घटना ग्राम पंचायत झलकडीहा की है. युवक बीमारी की हालत में गांव के ही एक युवक के साथ केरल से शनिवार को घर आया था. युवक की मौत ने सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है. चालकों की आनाकानी से क्षेत्र के लोगों में कड़ी नाराजगी है.

क्या है मामला

झलकडीहा गांव के शिवलाल हांसदा का इकलौता पुत्र आशीष कुमार हांसदा (27 वर्ष) मजदूरी करने केरल गया था. पिछले कुछ दिनों से उसकी तबीयत खराब चल रही थी. गांव के एक अन्य मजदूर सृजल सोरेन भी साथ में काम करता था. दोनों ट्रेन के रास्ते शनिवार की शाम घर आये. इस बीच आशीष की तबीयत और बिगड़ गयी. उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. सूचना मिलने पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों ने 108 एंबुलेंस में संपर्क साधा, लेकिन चालक बीमारी के लक्षण सुनकर आने के नाम पर आनाकानी करने लगा.

वहीं आसपास के चार पहिया वाहनों के मालिक भी कोरोना के भय से जाने को तैयार नहीं हुए. ऐसे में युवक की स्थिति काफी बिगड़ गयी और रविवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया. बताया जाता है कि उसकी दो संतानें हैं. घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि नुनूलाल मुर्मू ने कहा कि व्यवस्था में गड़बड़ी के कारण मजदूर की मौत इलाज के अभाव में हो गयी. सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखाने की जरूरत है.

posted by : sameer oraon

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