Giridih News: बालू का अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी, नदियों का हो रहा दोहन
Giridih News: सरिया प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बालू माफियाओं की सक्रियता बढ़ गयी है. खेढुवा नदी, बराकर नदी सहित अन्य नदियों के विभिन्न बालू घाटों से इन दिनों प्रतिदिन अवैध रूप से तीन-चार सौ ट्रैक्टर बालू की कारोबारी हो रही है. बालू माफियाओं की सक्रियता से नदियों का दोहन हो रहा है. इनके अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है. मिली जानकारी के अनुसार सरिया प्रखंड क्षेत्र के उर्रो, बागोडीह, खैराघाट, बराकर पुल, राजदह धाम, खेढुआ नदी, बालू घाट आदि जगहों से बालू का उठाव कर बगोदर में माफियाओं के हाथों बेचा जाता है जहां लोग बालू का डंप कर उसे ऊंचे दामों में बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि जगहों में बेचा जाता है.
बालू की अवैध कारोबारी के कारण स्थानीय गरीब लोगों को अबुआ आवास जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्ण करने में उन्हें भी ऊंचे दामों में (1000 से 1500 प्रति ट्रैक्टर) बालू खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. बता दें कि सरकार द्वारा बालू घाटों की नीलामी अब तक नहीं हो पाई है और न ही पंचायत स्तर पर बालू बिक्री के लिए सरकार द्वारा कोई कूपन की व्यवस्था की जा सकी है. इस धंधे में जुड़े कारोबारी तथा ट्रैक्टर चालक नदियों से बालू निकालने का काम न सिर्फ रात में बल्कि दिन के उजाले में भी करते हैं. उनकी हिम्मत तब और बढ़ जाती है, जब धंधे से जुड़े लोग अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को थाना, अंचल कार्यालय, प्रखंड कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय आदि से होकर गुजरते हैं और प्रशासनिक अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. इस संबंध में कांग्रेस नेता कुश कांत सिंह ने कहा कि बालू इस क्षेत्र के लिए सफेद सोना के समान है. इस क्षेत्र में बालू जैसे प्राकृतिक संसाधन की लूट मची हुई है. इससे नदियों का अस्तित्व खतरे में है. प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर बालू नदियों से अवैध रूप से खनन कर बेचे जा रहे हैं. इस धंधे में जुड़े लोग बालू लदे ट्रैक्टर जिस रूट से ले जाते हैं. सभी अधिकारियों का कार्यालय व आवास भी उसी रास्ते में है. बावजूद निर्भिक होकर बालू का कारोबार करना प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत बताई जा सकती है जो इस क्षेत्र के लोगों के लिए गंभीर विषय है. यदि प्रशासन सजग रहती तो लोग दिन के उजाले में बालू के लूट का खेल नहीं करते. स्थानीय लोगों की मानें तो इतने भारी मात्रा में नदियों से बालू का उत्खनन पर्यावरण के लिए अच्छा संदेश नहीं है. संबंधित अधिकारियों को इस गोरख धंधे पर रोक लगानी चाहिए जिससे कि नदियों का अस्तित्व तथा पर्यावरण पर बुरा असर नहीं पड़े. साथ ही स्थानीय लोगों तथा सरकारी योजनाओं को पूर्ण करने में पर्याप्त तथा समय पर बालू मिल सके. वहीं सुखदेव प्रसाद ने बताया कि बालू के इस खेल में जुड़े लोग प्रशासनिक अधिकारियों से बचने के लिए गाड़ी के आगे पीछे निगरानी करते हैं. प्रशासन से बचने के लिए उनके इशारे पर गाड़ी को भगाया जाता है. इसी का परिणाम है कि बालू लदे ट्रैक्टर की चपेट में आने से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. बीते दिनों एसआरके डीएवी पब्लिक स्कूल सरिया के एक शिक्षक की मौत बालू लदे ट्रैक्टर की चपेट में आने से हो गई थी. प्रशासनिक अधिकारी द्वारा समय-समय पर इसके विरुद्ध किया जाने वाला छापामारी महज एक दिखावा है.
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी
इस संबंध में सरिया अंचल अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि बालू के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए समय-समय पर छापामारी अभियान चलाया जाता रहा है. आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगा.
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