Giridih news: नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की हुई आराधना
Giridih news: स्कंद माता कार्तिकेय की माता के रूप में भी पूजी जाती है. इनकी पूजा के पूर्व भक्तों को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए. स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए केसर, खीर, केला या अन्य पीले वस्तुओं का भोग लगाना श्रेयस्कर माना जाता है.
नवरात्र के पांचवें दिन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा के पांचवें रूप स्कंद माता की पूजा की गयी. इसका बीज मंत्र ऊं देवी स्कंदमातायै नमः है. माता के इस रूप की पूजा करने से भक्तों को संतान प्राप्ति तथा अन्य मनोरथ पूर्ण होने के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं. देवी के इस रूप की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रस्तुत होता है. देवी भागवत के अनुसार स्कंदमाता ने भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को जन्म दिया था. बड़े होने पर स्कंद माता ने अपने पुत्र कार्तिकेय को युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया. फलत: ताड़कासुर कार्तिकेय के हाथों मारा गया. यही कारण है कि स्कंद माता कार्तिकेय की माता के रूप में भी पूजी जाती है. इनकी पूजा के पूर्व भक्तों को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए. स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए केसर, खीर, केला या अन्य पीले वस्तुओं का भोग लगाना श्रेयस्कर माना जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
