Giridih News: अपात्र लाभुकों का नाम राशन सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू

पीडीएस के अपात्र लाभुकों के नाम राशन सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. विभाग इसे लेकर रेस हो गया है.

By MAYANK TIWARI | August 13, 2025 12:23 AM

जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने के मद्देनजर धनवार प्रखंड खाद्य आपूर्ति विभाग ने ऐसे हजारों लाभुकों की पहचान कर ली है. जो सरकारी मानदंडों के अनुसार अपात्र हैं, लेकिन वर्षों से मुफ्त या रियायती दर पर राशन का लाभ ले रहे हैं. अब इनके नाम हटाए हटाने को लेकर विभाग गंभीर नजर आ रहा है. विभाग से निर्देश जारी किया गया है कि स्वेच्छा से अपना नाम नहीं हटाये तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.

लाभुकों में काफी विसंगतियां हैं

राज्य सरकार निर्धन पात्र परिवारों को सस्ते दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित योजना की सफलता को लेकर कदम उठाना शुरू कर दिया है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ महीनों में विभाग द्वारा चलाये गये विशेष सत्यापन अभियान के दौरान यह बात सामने आयी थी कि बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से सक्षम परिवार और शासकीय सेवकों के नाम भी राशन लाभुक सूची में दर्ज हैं. कई मामलों में ऐसे व्यक्ति भी लाभ ले रहे हैं, जिनके पास पक्का मकान, चारपहिया वाहन, व्यवसाय या सरकारी नौकरी है. इसके बावजूद वे गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल अथवा अंत्योदय योजना एएवाई के तहत मुफ्त राशन ले रहे थे. इसमें पीएम किसान निधि के लाभुक अठारह हजार छियासी, पच्चीस लाख से ऊपर टर्नओवर करनेवाले सोलह, छह लाख से ऊपर इनकम के आयकर दाता आठ सौ पैंसठ, मोटर वाहन मालिक एक सौ चौवन समेत उन्नीस हजार एक सौ इक्कीस लाभुकों के नाम सामने आये हैं. धनवार में कुल बावन हजार लाभुक वर्तमान में मुफ्त राशन का लाभ ले रहे हैं.

विभाग नोटिस जारी कर जवाब मांग सकता है

जानकार बताते हैं कि खाद्य आपूर्ति विभाग ऐसे अपात्र लाभुकों को नोटिस जारी कर जवाब मांग सकता है तथा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनका राशन कार्ड रद्द करते हुए जुर्माना और पूर्व में लिये गये राशन की रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है. धनवार के प्रखंड खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी जयप्रकाश विश्वकर्मा ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे स्वयं मूल्यांकन करें, कि क्या वे सरकार की ओर से दी जा रही खाद्यान्न सहायता के लिए वे पात्र हैं. यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छया अपना नाम सूची से हटवाना चाहता है, तो वह संबंधित प्रखंड आपूर्ति कार्यालय में आवेदन कर सकता है, अन्यथा जांचोपरांत पकड़े गये अपात्र लाभुकों पर विभागीय कारवाई की जाएगी.

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