Giridih News :पिकनिक के लिए सज-धजकर तैयार है सरिया का राजदहधाम

Giridih News :सरिया क्षेत्र का राजदहधाम इन दिनों पिकनिक के लिए सज-धजकर तैयार है. अकेसिया, यूकेलिप्टस तथा साल वृक्षों से आच्छादित वनों के बीच घिरी उत्तर वाहिनी बराकर नदी की कल-कल बहती धारा के किनारे बसे राजदह धाम इन दिनों सैलानियों से गुलजार है.

By PRADEEP KUMAR | December 11, 2025 9:49 PM

पवित्र राजदहधाम 20वीं सदी के प्रारंभ में बसाया गया सरिया प्रखंड क्षेत्र में हिंदू धर्मावलंबियों के बीच न सिर्फ पवित्र धर्मस्थल के रूप में प्रतिष्ठित है, बल्कि आसपास के इलाके में इसे पवित्र पर्यटक स्थल का भी दर्जा प्राप्त है.

प्रतिदिन आते हैं हजारों श्रद्धालु व सैलानी

पवित्र राजदहधाम प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु व पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. यहां शिव मंदिर, पार्वती मंदिर, सूर्य मंदिर, बजरंगबली का मंदिर व जगन्नाथ स्वामी सहित कई देवी-देवताओं के मंदिर तथा संतों के स्मृति मंदिर हैं. साल, पलाश, अकेसिया, यूकेलिप्टस आदि जंगलों के बीच घिरा यह स्थल काफी रमणीक है. पूर्व में यह जगह बाबा गरियावन दास, टीप नारायण दास (तपस्वी मौनी बाबा), अरुण दास, संत मुरारी दास, रामजी दास, सूर्य नारायण दास, शंकर दास, बम बाबा, बंधन महतो, बसंती देवी जैसे कई संतों की तपोभूमि रही है जहां वैशाख माह के तपती दोपहर में साधु संत पंचाग्नि तापते थे. काल समय व परिस्थिति के अनुसार यह व्यवस्था अब बदल चुकी है. रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा आदि जिलों को छूते व चट्टानों को चीरते हुए बह रही उत्तरवाहिनी बराकर की कल-कल करती निर्मल जलधारा लोगों को आकर्षित करती है. लोमड़ी, सियार, मोर, भेड़िया, नील गाय, खरगोश, नेवला, जंगली सूअर आदि के कलरव तथा पक्षियों की चहचहाहट से यह क्षेत्र गुंजायमान रहता है.

सुविधाओं की कमी के बावजूद आकर्षण बरकरार है

उत्तरवाहिनी बराकर नदी के तट के चारों ओर बड़े-बड़े पत्थर, चट्टान तथा नदी के किनारे बिछी बालू की चादर इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. ठंड के दिनों में खासकर पिकनिक के लिए राजदह धाम उत्तम तथा रमणीक जगहों के रूप में चर्चित है. यहां प्रत्येक वर्ष दिसंबर से जनवरी महीने के बीच जगह-जगह से लोग अपनी मित्र मंडली या परिजनों के साथ घूमने या वन भोज का आनंद लेने आते हैं. इस वर्ष भी सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. सुविधाओं के अभाव के बीच पहले खासकर धार्मिक प्रयोजनों तथा वन का आनंद लेने के लिए राजदहधाम पहुंचते थे. समय के साथ इस धाम का विकास हुआ. सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के लिए करोड़ों की लागत से सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट, चबूतरा, पेवर ब्लॉक्स, पीसीसी, सीढ़ियों के निर्माण समेत कई कार्य किये.

पार्क में बिछी है मखमली घास

एकांत तथा रमणीक स्थल होने के कारण यह स्थल बैठकों के लिए राजनीतिक दल, सामाजिक कार्यकर्ता आदि के लिए उत्तम है. वन विभाग ने चार करोड़ रु की लागत से पर्यटकों के लिए नेचर पार्क बनाया है. इसमें मनोरंजन के कई साधन हैं. पार्क में बिछी मखमली घास इस क्षेत्र में चार चांद लगा रही है. बच्चे, बुजुर्ग, युवा सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए यहां झूले, मनोरंजन के साधन आदि की व्यवस्था है. इस नेचर पार्क के बीच डायनासोर, भगवान बिरसा मुंडा आदि की प्रतिमाएं हैं. बगीचे के बीच तालाब है. कई जगहों पर पर्यटकों के बैठने की भी व्यवस्था है. बगीचे में कई तरह के फूल लगाए गए हैं.

सुरक्षा का निजी इंतजाम

राजदहधाम में सुरक्षा के उद्देश्य से कोई नियमित व्यवस्था प्रशासन ने नहीं की है, परंतु खास अवसर पर प्रशासन सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करता रह है. इतने बड़े पर्यटक व धार्मिक स्थल में नियमित सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण अक्सर स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दराज से पहुंचने वाले लोग सवाल उठाते रहे हैं. यदि इस रमणीक स्थल पर सुरक्षा की स्थायी व्यवस्था नहीं होती है तो पर्यटक यहां आने से हिचकेंगे. वर्तमान में तपस्वी मौनी बाबा राजदह धाम समिति ने निजी स्तर पर सुरक्षा की व्यवस्था की है, जो मंदिरों की व्यवस्था भी चलाते हैं. इस संबंध में समिति के अध्यक्ष सुरेश भारती तथा सचिव राजकुमार वर्मा ने बताया कि दिसंबर तथा जनवरी के महीना में सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ती है. इसके अतिरिक्त प्रत्येक महीने की पूर्णिमा तिथि, मौनी अमावस्या, निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा, मकर संक्रांति, श्रावण मास आदि पवित्र त्योहार के अवसर पर भी हजारों हजार की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है. उत्तर वाहिनी नदी होने के कारण दूरस्थ क्षेत्र के श्रद्धालु अपने पितरों का अस्थि प्रवाह करने भी यहां पहुंचते हैं जिनकी सुरक्षा के लिए समिति के सदस्यों के अलावा प्रशासन भी काफी मुस्तैद रहती है.

ऐसे पहुंचें राजदहधाम

सरिया स्थित राजदहधाम पूर्व मध्य रेलवे हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन से महज पांच किमी और सरिया-राजधनवार मुख्य मार्ग पर जनकपुरी धाम (नावाडीह) से करीब दो किमी पश्चिम की और स्थित है. रेलवे स्टेशन के पास ही धाम पहुंचने के लिए छोटी-बड़ी गाड़ियां मिलती रहती हैं. सड़क मार्ग से पहुंचने वालों के लिए सरिया के झंडा चौक, विवेकानंद मोड़ व डाक बंगला के लिए गाड़ियां मिलती हैं. मोड़ से सालों भर छोटी-बड़ी गाड़ियां उपलब्ध रहती हैं.

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