Giridih News: बचत खाते का रि-केवाइसी करवाकर सुविधा लें : निदेशक

Giridih News: दस वर्ष से अधिक समय से जिन लोगों ने अपना बचत खाता बंद रखा है, वे अपने खाते को अविलंब रि-केवाइसी करा लें. इससे राज्य व केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं से जुड़ना आसान होगा.

By MAYANK TIWARI | August 26, 2025 11:24 PM

दस वर्ष से अधिक समय से जिन लोगों ने अपना बचत खाता बंद रखा है, वे अपने खाते को अविलंब रि-केवाइसी करा लें. इससे राज्य व केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं से जुड़ना आसान होगा. उक्त बातें मंगलवार को आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन सिंह ने जमुआ के हरला पंचायत सचिवालय में कही. वहां वह वित्तीय समावेशन संतृप्ति शिविर को संबोधित कर रहे थे.

हर घर बैंकिंग सेवा पहुंचाना लक्ष्य

श्री सिंह ने कहा कि तीन माह के वित्तीय समावेशन संतृप्ति अभियान भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने शुरू किया था. इसका उद्देश्य हर घर तक आवश्यक बैंकिंग सेवाओं और वित्तीय उत्पाद पहुंचाना और सभी नागरिकों का वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना था. इस दौरान विशेष शिविर आयोजित किये गये हैं. इनमें प्रधानमंत्री जन धन योजना, पीएम ज्योति धन योजना के तहत बैंक खाते खोलना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में नामांकन और पुनः केवाइसी प्रक्रिया को पूरा करना शामिल है.

वित्तीय समावेशन का मुख्य उद्देश्य

वित्तीय समावेशन का मकसद सभी व्यक्तियों और व्यवसायों को किफायती वित्तीय सेवाओं और उत्पादों जोड़ना है. इसका उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और अन्य वित्तीय उत्पादों का कवरेज बढ़ाना व ग्राहकों को पुनःकेवाइसी प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करना है, ताकि वित्तीय सेवाओं तक उनकी पहुंच सुचारु रूप से बनी रहे. कहा कि गत एक जुलाई से शुरू यह अभियान 30 सितंबर 2025 तक चलेगा. कहा कि आज पूरे देश स्तर पर 10 करोड़ खाताधारियों में 1.18 करोड़ बैंक उपभोक्ताओं का केवाइसी ही हुआ है. आरबीआई की सीनियर मैनेजर अनामिका शर्मा ने कहा कि सभी बीसी खाताधारियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने में कोताही नहीं करें.

इनकी थी उपस्थिति

मौके पर जमुआ के बीडीओ अमलजी, सन्नी कुमार, सचिन कुमार, सोहम कुमार, बीआईओ डीजीएम नीलकुंजी जैन, एसआइबी के प्रबंधक इरामामल हक, जमुआ बीस सूत्री के अध्यक्ष जुनैद आलम, हरला की मुखिया के पति उमेश यादव, झामुमो जिला संयुक्त सचिव चीना खान, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय निदेशक मनीष कनौजिया, एलडीएम अमित चौधरी, झाराग्रा बैंक जमुआ के मैनेजर अविनाश झा आदि ने अपने विचार रखे.

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