Giridih news: 58 सालों से जमुआ के बाटी में होती आ रही है मां की उपासना
Giridih news: सचिव ने कहा कि पूजा को लेकर लगातार समिति के सदस्य शांति बनाने को लेकर लोगों के बीच बैठक कर रहें हैं. इसमें जमुआ पुलिस प्रशासन का सहयोग समिति को मिलता आ रहा है.
प्रखंड के बाटी स्थित दुर्गा मंदिर में वर्ष 1969 से दुर्गा पूजा होती आ रही है. बताया जाता है कि वर्ष 1969 में गांव में महामारी फैली थी. इसी क्रम में गांव के बढ़न महतो को स्वप्न आया कि मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना करने से महामारी खत्म हो जायेगी. इसके बाद उन्होंने ग्रामीणों को सारी बात बतायी और फिर गांव में खपरैलनुमा मंडप बनाकर पूजा शुरू की गयी. पूजा-अर्चना के बाद गांव में महामारी खत्म भी हो गयी. इसके बाद ग्रामीणों की आस्था इस पर बढ़ी और यहां अनवरत पूजा अर्चना की जाने लगी. उस समय पूजा पंडाल का लाइसेंस स्व. हेमलाल महतो के नाम था और वर्तमान में उनके वंशज परमेश्वर महतो के नाम है, लेकिन बढ़न महतो के पौत्र बिनोद कुमार वर्मा द्वारा पूजा-अर्चना की जा रही है.
किया जा रहा है नौ दिवसीय रामायण पाठ
इस बार कलश स्थापन के साथ ही गांव के देवीदयाल महतो के नेतृत्व में नौ दिवसीय रामायण पाठ के माध्यम से लोगों को भक्ति का गुर पिलाया जा रहा है. साथ ही आस पड़ोस गांवों के लोग बाटी के जय मां अंबे मंदिर पहुंचकर हरि कीर्तन कर रहे हैं. पूजा अर्चना व कार्यक्रम को सफल बनाने को ले समिति के अध्यक्ष मुकेश कुमार वर्मा, सचिव दिलीप कुमार, कोषाध्यक्ष सूरज कुमार वर्मा, सदस्य नरेश कुमार वर्मा, जितेंद्र कुमार, भुवनेश्वर कुमार, पप्पू कुमार, रविंद्र कुमार, अशोक कुमार, अनिल राय, सिकंदर राणा, जागेश्वर महतो, देवीदयाल महतो, बालेश्वर महतो, लक्ष्मण महतो, हीरामणि महतो मनोज राणा आदि लगे हुए हैं. सचिव ने कहा कि पूजा को लेकर लगातार समिति के सदस्य शांति बनाने को लेकर लोगों के बीच बैठक कर रहें हैं. इसमें जमुआ पुलिस प्रशासन का सहयोग समिति को मिलता आ रहा है.
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